पुराने जमाने में क्यों होती थी प्यार की बीमारी?

किसी भी इंसान के जीवन में प्यार एक खूबसूरत एहसास होता है 

लेकिन एक समय ऐसा भी था जब इसे बीमारी के तौर पर देखा जाता था 

ये समय तकरीबन 11वीं शताब्दी का था जब लेखक और चिकित्सक ने प्रेम को बीमारी के नजरिए से देखा था

कॉन्स्टेंटाइन का मानना था कि ये बीमारी सीधे इंसान के दिमाग पर असर डालती है

साथ ही बीमार व्यक्तियों के मन में चिंता और तनावपूर्ण विचार पैदा करती है

वहीं कुछ चिकित्सकों का मानना था कि प्रेम की वजह से मरीज की जान भी जा सकती है 

साथ ही मनोवैज्ञानिकों, लेखकों और चिकित्सकों ने प्रेम की बीमारी का इलाज भी बताया 

जिसमा पहला तरीका आहार का था यानी व्यक्ति को  शराब, मांस, अंडा और हर उस तरह की भोजन से दूर रखा जाता था 

जिसकी तासीर गर्म होती है, वहीं दूसरा तरीका था नैतिक अनुशासन