मुगल हरम में शाम बीतते ही रानियां क्यों हो जाती थी बैचेन ?

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मुगलों के हरम में हजारों में रानियां होती थीं।

हरम में शाम के समय मुगल शासक आते थे और अपनी पसंदीदा रानी के साथ वक्त गुजारते थे।

लेकिन शाम होते ही रानियों में बेचैनी बढ़ जाती थी और हरम में हलचल भी।

रानियों की ये बेचैनी सिर्फ एक वजह से होती थी और इसके लिए वह खुद को खूब तैयार करती थीं।

क्योंकि जिसके साथ मुगल रात गुजारते थे उसकी हरम में अहमियत बढ़ जाती थी।

यही कारण था कि शाम के समय रानियां एक दूसरे से बढ़चढकर अपने हुनर और सौंदर्य का प्रदर्शन मुगल शासक के समाने करती थीं।

ताकि मुगल शासक उनकों चुने और उनके साथ रात का वक्त गुजारे।