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इस गांव में नहीं मनाई जाती दिवाली!

दिवाली को भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक माना जाता है।

लेकिन इस जिले में दीपावली का त्योहार नहीं मनाया जाता है।

न ही इस गांव में पटाखों की आवाज आती है और न ही कोई मिठाई या पूजा होती है।

अटियाला दाई गांव में अंगारिया जाति के लोग दीपावली नहीं मनाते, यह एक बुजुर्ग के वचन का सम्मान किया जाता है।

वर्षों पहले, एक बुजुर्ग ने कुष्ठ रोग के फैलने पर दिवाली के दिन भू- समाधि लेने का प्रण लिया था।

इस समाधि के बाद, समुदाय के बुजुर्गों ने भविष्य की पीढ़ी को दिवाली न मनाने के लिए कहा था।

गांव के लोग आज भी इस परंपरा को मानते हैं।

अंगारिया समुदाय के लोग, चाहे वे कहीं भी बसें, लेकिन वो कही भी दिवाली का त्योहार नहीं मनाते हैं।

कोटा गांव में आज भी अंगारिया जाति के 25 से 30 परिवार इस परंपरा का पालन कर रहे हैं।