भाई दूज के दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां

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भाई दूज मनाने के पीछे यमी और यम यानी यमुना और यमराज की कथा है।

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए थे।

यमुना ने उनका तिलक लगाकर और आरती उतारकर स्वागत किया। इसके बाद उन्हें भोजन कराया।

यमराज ने कहा कि जो व्यक्ति इस दिन यमुना में स्नान करेगा और यम की पूजा करेगा, उसे मृत्यु के बाद यमलोक नहीं जाना पड़ेगा।

इस दिन बहनों को अपने भाई को तिलक लगाने से पहले भोजन और जल ग्रहण नहीं करना चाहिए।

इस दिन इस त्यौहार के अवसर पर भाई को अपनी बहन से किसी भी तरह का झूठ बोलने से बचना चाहिए।

इस दिन किसी भी तरह के मांसाहारी भोजन, नशीले पदार्थों आदि का सेवन करने से बचना चाहिए।

बहन और भाई दोनों को काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। काला रंग नकारात्मक और अशुभ होता है।