India News Haryana (इंडिया न्यूज), Religious City kurukshetra : धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर तट पर इस समय अंतराष्ट्रीय महोत्सव का आयोजन हो रहा है जिसमें देश-विदेश से पर्यटक पहुंच रहे हैं। वहीं आपको बता दें कि ब्रह्मसरोवर पर बने म्यूजियम में 18 दिन हुए महाभारत के युद्ध का विस्तार से उल्लेख किया गया है। पांडवों ने 11 कौरवों ने 9 तरह की व्यूह रचना की। 18 दिन में किसी दिन पांडवों का तो किसी दिन कौरवों का पलड़ा भारी रहा। इस युद्ध में 11 अक्षोणी व पांडवो की सात अक्षोणी सेनाएं आमने सामने थी।
बता दें कि पहले दिन पांडवों ने वज्रव्यूह तो कौरवों ने सर्वोता मुख्य व्यूह की रचना की थी। पहले दिन पांडवों को युद्ध में क्षति हुई थी। इसी तरह दूसरे दिन पांडव सेना कौरव सेना पर भारी रही थी। तीसरे चौथे दिन भी अर्जुन के पराक्रम के चलते पांडव सेवा का पलड़ा भारी रहा। दसवें दिन जब शिखंडी को अपने रथ में आगे रख अर्जुन ने भीष्म पितामह को शरशैया पर डाल दिया तो कौरव सेना का मनोबल टूट गया। द्रोणाचार्य को सेनापति नियुक्त किया गया जिन्होंने युद्ध के 13 वे दिन चक्रव्यूह की रचना की जिसमें घिरकर अभिमन्यु वीरगति को प्राप्त हुआ।
महाभारत के युद्ध में राजा द्रुपद के बेटे धृष्टद्युम्न ने कौरवों और पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य का सिर धड़ से अलग कर दिया। इसके बाद कर्ण को सेनापति बनाया गया। 17 वें दिन कर्ण की भी युद्ध में मृत्यु हो गई। 18 दिन कौरवों की बची खुची सेना भी युद्ध का शिकार हुई और अंत में सरोवर में छुपे दुर्योधन व भीम के मध्य गदा युद्ध हुआ जिसमें उसे परास्त होना पड़ा और उसकी जंघा तोड़ भीम ने अपनी प्रतिज्ञा पूर्ण कर उसे यमलोक पहुंचाया व युद्ध समाप्त हुआ।