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नॉनवेज है ये दाल, ब्राह्मण भी इसे नहीं खाते!

क्या आप जाते है कि हिंदू धर्म में एक दाल को वेज नहीं नॉनवेज माना जाता है।

इसी वजह से साधु-संत इस दाल को नहीं खाते हैं।

हिंदू धर्म को मानने वाले और वेजिटेरियन लोग भी इस दाल को खाना पसंद नहीं करते हैं।

मसूर की दाल को हिंदू धर्म में नानवेज माना जाता है। वैष्णव पद्धति को मानने वाले साधु, ब्राह्मण और संत भी इसे नहीं खाते हैं। 

इस दाल को नॉनवेज इसलिए कहा जाता है क्योंकि जब भगवान विष्णु अमृत बांट रहे थे तब एक राक्षस, राक्षस देवता का रुप धारण कर के अमृत पी गया।

जब भगवान विष्णु को इस बात का पता चला तो उन्होंने राक्षस का सिर काट दिया।

लेकिन अमृत पीने की वजह से वो राक्षस नहीं मरा। उसके सिर को राहु और धड़ को केतु कहा जाने लगा।

ऐसा माना जाता है कि मसूर की दाल की उत्पत्ति वहीं से हुई थी जहां जमीन पर राक्षस का सिर कट कर गिरा था।