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Mahakumbh 2025 : प्रयागराज में बोले PM Modi- कुंभ मेला एकता का महायज्ञ, जहां मिट जाता है जाति भेद

• LAST UPDATED : December 13, 2024
  • 5,500 करोड़ की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Mahakumbh 2025 : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज प्रयागराज पहुँंचे जहां उन्होंने कहा कि कुंभ मेला एकता का महायज्ञ है, जहां जाति-भेद मिट जाता है। इस दौरान पीएम ने 5500 करोड़ की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया। महाकुंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, “कुंभ मेले में यहां संगम में डुबकी लगाने वाला हर भारतीय “एक भारत, महान भारत” की अद्भुत तस्वीर पेश करता है।

यहां संत, तपस्वी, ऋषि, विद्वान और आम लोग तीनों नदियों के संगम में डुबकी लगाते हुए एक साथ आते हैं। यहां जातियों का भेद मिट जाता है और समुदायों के बीच टकराव मिट जाता है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि अगले वर्ष महाकुंभ का आयोजन देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक पहचान को नई ऊंचाई पर स्थापित करेगा।

Mahakumbh 2025 : महाकुंभ की तैयारियों में लगे सभी कार्यकर्ताओं और कर्मचारियों को बधाई

“मैं महाकुंभ को सफल बनाने के लिए दिन-रात काम कर रहे कार्यकर्ताओं और सफाई कर्मचारियों को बधाई देता हूं। प्रयागराज की इस धरती पर एक नया इतिहास रचा जा रहा है। अगले वर्ष महाकुंभ का आयोजन देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक पहचान को नई ऊंचाई पर स्थापित करेगा। मैं यह बात बड़े विश्वास के साथ कहता हूं, मैं यह बात बड़ी श्रद्धा के साथ कहता हूं। अगर मुझे एक वाक्य में इस महाकुंभ का वर्णन करना हो तो मैं कहूंगा कि यह एकता का ऐसा महायज्ञ होगा, जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में होगी। मैं आप सभी को इस आयोजन की भव्य और दिव्य सफलता की शुभकामनाएं देता हूं।”

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महाकुंभ देशभर में देते हैं सकारात्मक संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महाकुंभ जैसे आयोजन देश और समाज के हर कोने में सकारात्मक संदेश देते हैं। “मेरा मानना ​​है कि महाकुंभ एकता का महायज्ञ है…जब संचार के आधुनिक साधन नहीं थे, तब कुंभ जैसे आयोजनों ने बड़े सामाजिक बदलावों की नींव तैयार की थी। ऐसे आयोजन देश और समाज के हर कोने में सकारात्मक संदेश देते हैं।” प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय संस्कृति के प्रति लगाव की कमी और कुंभ तथा अन्य धार्मिक तीर्थयात्राओं के प्रति लापरवाही के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की भी आलोचना की।

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पिछली सरकारों ने कुंभ तथा धार्मिक तीर्थयात्राओं को किया अनदेखा

उन्होंने कहा, “पिछली सरकारों ने कुंभ तथा धार्मिक तीर्थयात्राओं पर ध्यान नहीं दिया। ऐसे आयोजनों में श्रद्धालु कष्ट झेलते रहे, लेकिन उस समय की सरकारों ने इसकी परवाह नहीं की। इसका कारण यह था कि उन्हें भारतीय संस्कृति से कोई लगाव नहीं था। लेकिन आज केंद्र और राज्य की सरकार भारतीय संस्कृति का सम्मान करती है।

इसलिए डबल इंजन की सरकार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाएं प्रदान करना अपनी जिम्मेदारी समझती है।” इससे पहले आज प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर पूजा-अर्चना की और 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले आगामी महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए आशीर्वाद मांगा। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद थीं।

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