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Minister Shyam Singh Rana ने 21वें पशुधन गणना अभियान का किया शुभारम्भ, पशु गणना में पूरे प्रदेश में घर-घर जाकर किया जाएगा एक व्यापक सर्वेक्षण

• LAST UPDATED : December 13, 2024

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Minister Shyam Singh Rana : हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्याम सिंह राणा ने आज यमुनानगर जिला के रादौर क़स्बा से प्रदेश के 21वें पशुधन गणना अभियान का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 1919 में पहली पशुधन गणना के आयोजन के बाद से हर पाँच साल के अंतराल में पशुधन गणना का आयोजन किया जाता है, जो कि पशुपालन में नीति निर्माण और पशुपालन क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करता है।

Minister Shyam Singh Rana : पालतू जानवरों और पोल्ट्री के बारे में आंकड़े एकत्र किए जाएंगे

इस पशु गणना में पूरे प्रदेश में घर-घर जा कर एक व्यापक सर्वेक्षण किया जाएगा जिसमें पालतू जानवरों और पोल्ट्री के बारे में आंकड़े एकत्र किए जाएगें। इस गणना में पशुधन की विभिन्न प्रजातियां जैसे गाय, भैंस, भेड़, बकरी, सुअर, ऊंट, घोड़ा आदि के अलावा पोल्ट्री पक्षियों की गिनती भी शामिल हैं। यह पशुधन गणना पशुपालन से जुड़े नागरिकों के पास उपलब्ध डेयरी उपकरणों की विस्तृत जानकारी भी उपलब्ध कराएगी, जो राष्ट्र व प्रदेश के पशुधन क्षेत्र के हित के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

योजनाओं की वजह से पशुओं की उत्पादन क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश में कुल 1079 पशु चिकित्सालयों, 1796 पशु औषधालयों, 7 पशु चिकित्सा पॉलिक्लीनिक / पालतू पशु चिकित्सा केंद्र. 41 पैरा-क्लिनिकल / सहायक संस्थान के अलावा हिसार में स्थित राजकीय पशुधन फार्म को मिलाकर कुल 2928 पशु चिकित्सा संस्थानों का बुनियादी ढांचा विकसित किया गया।

जिसकी सहायता से पशुओं के रोगों के उपचार एवं बचाव तथा पशुओं की नस्ल सुधार हेतु चलाई जा रही योजनाओं की वजह से पशुओं की उत्पादन क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त, राज्य के विभिन्न जिलों में 70 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाईयां चलाई जा रही हैं जिसकी मदद से पशुपालकों को उनके घर द्वार पर लगातार (दिन-रात) पशु स्वास्थ्य और प्रजनन सेवाएँ टोल फ्री नंबर 1962 के माध्यम से कॉल के आधार पर उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

राज्य का वार्षिक दूध उत्पादन 119.65 लाख टन हो गया

उन्होंने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में सरकार के प्रयासों तथा राज्य के प्रगतिशील पशुपालकों के प्रयास से राज्य का वार्षिक दूध उत्पादन 119.65 लाख टन हो गया है। राज्य में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन दूध उपलब्धता 1098 ग्राम हो गई है जोकि राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धता 459 ग्राम की दोगुनी से भी काफी ज्यादा है। पशुओं की दूध उत्पादकता को विकसित देशों के उन्नत पशुओं के स्तर तक ले जाने की आवश्यकता है जिसके लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

 राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में पशुपालन का महत्वपूर्ण योगदान

उन्होंने कहा कि राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में पशुपालन का महत्वपूर्ण योगदान है, राज्य के पशुपालकों की सहायता के लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 30 करोड़ रुपये की लागत से पशु चिकित्सा दवाएं राज्य के पशु चिकित्सा संस्थानों को उपलब्ध करवाई है, जोकि प्रदेश के पशुपालकों को पशु चिकित्सा संस्थानों पर उनके पशुधन के उपचार के लिए नि:शुल्क उपलब्ध होगी।

सरकार ने बढाकर 20,000 से 40,000 रुपये तक कर दिया

इसके साथ-साथ जहां गत वर्ष 2023-24 के दौरान राज्य में देसी गायों के उत्थान हेतु हरयाना, साहीवाल और बेलाही नस्ल की अधिक दूध देने वाली गायों के पालकों को 5,000 रुपये से लेकर 20,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान था, जिसे मौजूदा वित्त वर्ष में सरकार ने बढ़ाकर 5,000 से लेकर 25,000 तक कर दिया है तथा उच्च गुणवत्ता की मुर्राह भैंस पालन के लिए 18 किलो प्रतिदिन से अधिक दूध देने वाली मुर्राह भैंस मालिकों को 15,000 रुपये से 30,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान था, जिसे सरकार ने बढाकर 20,000 से 40,000 रुपये तक कर दिया है।

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