पांच पतियों के बावजूद द्रौपदी करती थी ये काम

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पांच पति होने के कारण द्रौपदी को अक्सर समाज में ताने सुनने पड़ते थे।

दुर्योधन और कर्ण ने द्रौपदी के चरित्र पर सवाल उठाए, इसी कारण वह कई बार खून का घूंट पीकर रह जाती थीं।

युधिष्ठिर जब जुए में द्रोपदी को दांव में हारे, तब दुर्योधन ने ताना मारते हुए कहा कि “तुम्हारे पाँच पति हैं फिर भी तुम अब पराई हो चुकी हो।

चीरहरण के दौरान अपने सम्मान की रक्षा के लिए  द्रोपदी सहायता मांग रही थीं तब कर्ण ने कठोर शब्दों के जरिए उनका अपमान किया।

जयद्रथ ने जब द्रौपदी का अपहरण करने का प्रयास किया, तो उसने ताना देते हुए कहा

“तुम्हारे जैसे रूपवान महिला को केवल एक पति क्यों नहीं मिला! पांच पतियों के बावजूद तुम अकेली हो।

कौरवों ने द्रौपदी को समाज से बहिष्कृत करने की भी कोशिश की, उन्होंने कहा कि पांच पतियों वाली महिला समाज में रहने की योग्य नहीं है।