किन्नरों की दुनिया आम लोगों से हर मायने में अलग होती है।
यह वो लोग हैं, जो ना स्त्री हैं और ना ही पुरुष देश में इन्हें थर्ड जेंडर कहा जाता है।
लेकिन इनकी दुनिया अलग होने के साथ-साथ रीति-रिवाज में भी बहुत अलग होती है।
इसी तरह किन्नरों का अंतिम संस्कार भी बोहोत अजीबोगरीब तरीके से होता है।
इनकी मौत के बाद डेड बॉडी को छुपाकर रखा जाता है और रात में ही अंतिम यात्रा निकाली जाती है।
ऐसा मानतें हैं कि किन्नर के अंतिम संस्कार को आम इंसान देख ले, तो मरने वाला किन्नर का ही जन्म लेगा।
किन्नर कि शवयात्रा यात्रा को चार कंधों पर लिटाकर ले जाने की जगह डेड बॉडी को खड़ा करके अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाता है।
शव यात्रा के दौरान उन्हें चप्पलों से पीटा जाता है और गालियां भी दीं जातीं हैं ऐसा करने से उनके पाप नष्ट होते हैं।
कहा जाता है कि मरने से ठीक पहले किन्नेरों को अपनी मौत का अहसास हो जाता है।