शादी के कुछ घंटों बाद ही किन्नर के साथ ये क्या हो जाता है!
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किन्नरों की शादी परंपरागत रूप से इंसान से नहीं, बल्कि भगवान अरावन से होती है।
इस विवाह समारोह का आयोजन तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के कुनागम गांव में 18 दिनों तक चलता है।
17वें दिन किन्नर को दुल्हन के रूप में सजाया जाता है और अरावन देव के मंदिर में जाकर मंगलसूत्र
पहनते हैं।
18वें दिन अरावन देव की प्रतिमा का जुलूस निकाला जाता है और सांकेतिक रूप से उसका मस्तक काटा जाता है।
इसके बाद सभी किन्नर विधवा हो जाती हैं और चूड़ियां तोड़कर सफेद साड़ी पहन लेती हैं।
इस अनूठी परंपरा में किन्नर एक रात के लिए भगवान के साथ विवाह करते हैं।
किन्नरों का मानना है कि इस विवाह से उन्हें आशीर्वाद और सामाजिक स्वीकार्यता मिलती है।
विवाह के बाद किन्नर अरावन देव को समर्पण कर नया मंगलसूत्र पहनती हैं।