भारत में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है।
आगरा और वृंदावन के बीच एक जगह विवेकानंद ने सड़क किनारे एक व्यक्ति को चिलम में गांजा पीते देखा।
उस व्यक्ति ने स्वामीजी से कहा कि आप साधु हैं और मैं सफाईकर्मी हूं।
इसके बाद विवेकानंद उस व्यक्ति के साथ बैठकर आराम से चिलम पीते रहे।
विवेकानंद ने बाद में इस घटना का जिक्र करते हुए लिखा, "किसी भी इंसान से नफरत मत करो। सभी इंसान भगवान की संतान हैं।
विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा में उन्हें केवल 47 प्रतिशत अंक मिले थे। बीए में उन्हें 56 प्रतिशत अंक मिले थे।
स्वामी विवेकानंद के मठ में किसी भी महिला का प्रवेश वर्जित था।
एक बार उनके शिष्यों ने उनकी मां को उनसे मिलने के लिए मठ के अंदर आने दिया। इस पर विवेकानंद नाराज हो गए।