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एप्पल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की विधवा लॉरेन पॉवेल जॉब्स भारत में कल्पवास कर रही हैं।
महाकुंभ के पहले दिन वह पवित्र त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा चुकीं हैं।
लॉरेन 13 जनवरी को भारत आईं हैं और अगले 17 दिन वह संन्यासी की तरह गेरुए वस्त्र पहनकर प्रयागराज कुंभ स्थल में कल्पवास करेंगी।
उनके निरंजनी अखाड़े के प्रमुख आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने उनका हिंदू नाम भी रखा है और गोत्र भी तय कर दिया।
पति स्टीव जॉब्स के निधन के 13 साल बाद लॉरेन की दिलचस्पी हिंदू धर्म में जगती दिख रही है।
आपको बता दें वह हिंदू धर्म स्वीकार नहीं कर रही हैं लेकिन ये बात सही है कि उनकी दिलचस्पी खासतौर पर इस धर्म में जगी है।
अब वह निरंजनी अखाड़े में कैलाशानंद की शिष्या बनी हैं इस परंपरा के तहत गुरु अपनी दूसरे धर्म के शिष्यों को हिंदू नाम देते हैं।
कल्पवास में अब लॉरेन उनकी देखरेख में एक शिष्या की तरह नियमों का पालन करते करेंगी।
कल्पवास यानी कि संगम के तट पर रहते हुए वेदाध्ययन और ध्यान पूजा करना।