फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में एमटीपी किट बेचने का अवैध गोरखधंधा चल रहा था. विभाग की टीम ने बोगस ग्राहक के ज़रिए नागरिक अस्पताल में ठेके पर कार्यरत महिला कर्मचारी को काबू किया. महिला नागरिक अस्पताल मे अवैध तरीके से एमटीपी किट चुरा कर बेच रही थी.एमटीपी किट का प्रयोग गर्भ को गिराने के लिए किया जाता है. बिना डॉक्टर की पर्ची के एमटीपी किट बेचना पूर्ण रूप से गैरकानूनी है.फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में ठेके पर रखी महिला कर्मचारी को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा फिलहाल महिला पर कार्रवाई की जारी है.फतेहाबाद नागरिक अस्पताल में तैनात आउटसोर्सिंग के तहत लगी जीडीए महिला कर्मचारी को गर्भवती महिला को एमटीपी किट देते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रंगे हाथो पकड़ लिया. स्वास्थ्य विभाग को पहले ही सूचना मिल गई थी कि यह कर्मचारी ऐसा करने वाली थी. ऐसे में पहले ही योजना बना ली गई थी. शहर के साथ लगते एक गांव से एक महिला पांच माह की गर्भवती थी. वह पिछले सप्ताह शुक्रवार को डाक्टर के पास दवा लेने के लिए आई थी. उसके साथ उसी गांव की आशा वर्कर भी आई थी.
महिला डॉक्टर के होने के कारण महिला को शनिवार को बुलाया, लेकिन शनिवार को जब डाक्टर नहीं मिली तो गर्भवती महिला और आशा वर्कर की मुलाकत अस्पताल में काम करने वाली महिला कर्मचारी रीतू से हो गई. उसने 1200 रुपये में एमटीपी किट देने की बात कही. एमटीपी किट का प्रयोग गर्भपात गिराने के लिए प्रयोग किया जाता है. लेकिन शनिवार को आशा वर्कर और गर्भवती महिला के पास रुपये न होने पर कर्मचारी ने उन्हे सोमवार को नागरिक अस्पताल में बुला लिया. आशा वर्कर ने इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दे दी, जिसकी सूचना पर सिविल सर्जन के निर्देश में एक टीम का गठन किया और अस्पताल में तैनात कर दिया. गर्भवती महिला और आशा वर्कर सोमवार दोपहर को अस्पताल में पहुंच गई, इस दौरान अस्प्ताल में तैनात कर्मचारी रीतू ने 1200 रुपये में एमटीपी किट देने की बात कही. लेकिन आशा वर्कर ने कहा कि उसके पास केवल 1100 रुपये है. जैसे ही 1100 रुपये दिए तो स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसे एमटीपी किट देते हुए पकड़ लिया. स्वास्थ्य विभाग की टीम यह पता कर रही है कि यह एमटीपी किट कहां से लेकर आती थी.