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Shri Shyam Baba Chulkana Dham : बाबा श्यामजी के भक्तों के लिए खास है बसंत पंचमी, किस्मत वालों को मिलता है उनका यह पीला वस्त्र, पढ़ें पूरी ख़बर

  • 2 फरवरी को बड़ी धूमधाम से मनाई जाएगी बसंत पंचमी

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Shri Shyam Baba Chulkana Dham : मंदिर समिति प्रधान रोशन लाल छौक्कर और वृंदावन ट्रस्ट के सचिव हरीश बंसल ने बताया कि बाबा श्याम का यह वस्त्र 2 फरवरी से 4 फरवरी तक बांटा जाएगा। इसलिए भक्त आराम से वस्त्र ग्रहण करे और बाबा के दर्शन करें। चुलकाना श्यामजी के इस वस्त्र को पाने के लिए श्याम प्रेमी विदेशों से भी आते है।

चुलकाना श्यामजी की महिमा जितनी निराली है उतना ही अनुपम उनका श्रृंगार व पोशाक होते हैं। जिन्हे देखने व पाने की ललक लाखों श्रद्धालू मन में पाले रहते है। जिसे यह वस्त्र मिल जाता है उसे बहुत शौभाग्यशाली माना जाता है। श्री श्याम बाबा चुलकाना वाले का वस्त्र साल में एक बार बदला जाता है। पंचामृत से स्नान कराकर फिर से पीले रंग का अंत: वस्त्र पहनाकर उसके ऊपर पोशाक और पीले फूलों का श्रृंगार किया जाता है

Shri Shyam Baba Chulkana Dham : श्री श्याम बाबा का प्रथम स्थान चुलकाना धाम माना जाता

भक्त शीश के दानी के इस मनोहारी रूप के दर्शन करने के लिए चुलकाना नगरी में पहुंचते हैं। श्री श्याम बाबा को पीले चावल बनाकर भोग लगाया जाता है। प्राचीन काल से चली आ रही हैं यह परंपरा आज भी कायम है। चुलकाना धाम मंडल भाजपा के मीडिया प्रभारी सोनू शर्मा छदिया और मांगेराम पुजारी ने बताया कि यूं तो पूरे भारतवर्ष में श्याम बाबा के सैंकड़ों मंदिर है, लेकिन श्री श्याम बाबा का प्रथम स्थान चुलकाना धाम माना जाता है।

क्योंकि इसी चुनकट ऋषि की सिद्ध पीठ तपोभूमि चुलकाना धाम से श्री श्याम बाबा के फाल्गुन मेले की शुरुआत हुई थी जो आज पूरे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है श्री श्यामजी का फाल्गुन मेला चुलकाना धाम में श्री श्याम प्रभु के मंदिर की स्थापना भगवान श्री कृष्ण के आशीर्वाद और वरदान फलस्वरूप हुई थी। हजारों साल पहले आज चुलकाना के श्याम बाबा पूरे भारतवर्ष में विख्यात है। इस वस्त्र को घर में रखने से ओपरी पराई (भूत प्रेत) घर से भाग जाते है इस कपड़े के नजदीक नहीं आते।

इस वस्त्र में इतनी ताकत होती है की घर परिवार में बनी रहती है सुख शांति

बाबा का वस्त्र बसंत पंचमी पर बदला जाता है। बसंत पंचमी पर पीले फूलों से खेत खलिहान सुन्दर लगते है सौंदर्य का आरंभ शुरू हो जाता है इसलिए इस ऋतू को सबसे अच्छा माना गया है। फसले पकने को हो जाती है मन में उम्मीद होती हैं। यह एक पीले रंग का वस्त्र होता है जो बाबा के 365 दिन लिपटा रहता है। यह पीला वस्त्र सिर्फ बसंत पंचमी को बदला जाता है ऐसा कहा जाता है, इस वस्त्र में इतनी ताकत होती है की घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है। संतान प्राप्ति शादी व्यापार नौकरी में उन्नति आदि मिलकर जीवन के दुख दूर होते हैं।

नया वस्त्र पहनाया जाता है पुराने वस्त्र को बाबा के प्रेमियों को बांट दिया जाता

श्री चुनकट ऋषि जी महाराज का भी श्रृंगार पीले फूलों से किया जाता है। प्रत्येक वर्ष की बसंत पंचमी को नया वस्त्र पहनाया जाता है पुराने वस्त्र को बाबा के प्रेमियों को बांट दिया जाता है। इसकी महिमा यह है अगर कोई व्यक्ति बीमार है किसी के परेशानी है तो उसके ठीक होने की ज्यादा संभावना बढ़ जाती है। बसंत पंचमी पर चुलकाना धाम में दर्शन करने वाले भक्तों में बांट दिया जाता है। एक छोटा सा टुकड़ा भी इसका बड़े-बड़े काम बनाता है।

सभी श्याम प्रेमी बाबा का वस्त्र लेने आऐ और अपने घर में बने मंदिर में रखे। लाखों भक्तों की भीड़ जमा होती है चुलकाना धाम में। उत्तर भारत में चुलकाना धाम माता वैष्णो देवी के बाद दूसरा स्थान है, जहां प्रतिदिन हजारों भक्तों की भीड़ रहती हैं पूरे भारतवर्ष से यहां श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते है। हर महीने लाखों श्रद्धालू इस धाम की पावन तीर्थ यात्रा करके अपने जीवन को सफल बनाते हैं।

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Anurekha Lambra

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