India News Haryana (इंडिया न्यूज), Medical Stores License Canceled : पुलिस और फूड एंड ड्रग विभाग के तमाम दावों के बावजूद लगातार मेडिकल स्टोर्स संचालकों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। हालांकि पुलिस और संबंधित विभाग समय-समय पर रेड कर नियम तोड़ने वाले मेडिकल स्टोर संचालकों पर लगाम लगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बावजूद इसके निरंतर इस तरह में मामले रिपोर्ट हो रहे हैं।
बता दें कि नशे की दवा बेचने वाले मेडिकल स्टोर संचालकों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस की टीमों का गठन किया गया। फूड और ड्रग विभाग की ओर से वर्ष 2024 में 7 महीने की अवधि में नशे की और प्रतिबंधित दवा बेचने व कई तरह की अनियमितताएं पाए जाने पर व्यापक पैमाने पर मेडिकल स्टोर सील किए गए हैं। इसके चलते संचालकों के लाइसेंस भी रद्द करवाए गए हैं। इसी कड़ी में सामने आया कि साल 2024 में 7 महीने की अवधि में 800 से ज्यादा मेडिकल स्टोर के लाइसेंस सस्पेंड किए गए हैं और हर महीने प्रदेश में औसतन 12 से ज्यादा मेडिकल स्टोर संचालकों के लाइसेंस कैंसिल किए गए।
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्मेंट द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार हरियाणा में 7 महीने यानी मार्च 2024 से लेकर सितंबर 2024 तक 867 मेडिकल स्टोर संचालकों के लाइसेंस नियम तोड़ने की चलते सस्पेंड किए गए। हरियाणा में संबंधित विभाग द्वारा पूरे प्रदेश को इंस्पेक्शन के लिए हाथ से 10 जोन में बांटा गया है।
हरियाणा में अंबाला जोन में सबसे ज्यादा 169 मेडिकल स्टोर संचालकों के लाइसेंस कैंसिल किए गए तो इसके बाद रेवाड़ी में 143, करनाल 142 और गुरुग्राम में 130 मेडिकल स्टोर्स संचालकों के लाइसेंस नियमों की अवहेलना करने के चलते सस्पेंड किए गए हैं। आंकड़ों के लिहाज से पता चलता है कि जितने लाइसेंस हरियाणा के सभी जोन में सस्पेंड किए गए हैं उनमें से दो तिहाई से ज्यादा अकेले उपरोक्त 4 जोन में रिपोर्ट हुए हैं। इसी प्रकार फरीदाबाद जोन में 66, हिसार जोन में 71, रोहतक में 53, सिरसा में 19 और कुरुक्षेत्र में पांच मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस सस्पेंड किए गए हैं।
फूड और ड्रग विभाग द्वारा छापेमारी के दौरान सामने आया कि मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा कई तरह की अनियमितताएं बरती जा रही थी। कई मेडिकल स्टोर पर सामने आया कि वहां पर प्रतिबंधित दवाइयां बेची जा रही थी, इसके अलावा यह भी रिपोर्ट हुआ कि जो दवाइयां केवल डॉक्टर के सब्सक्रिप्शन से दी जाती है उनकी भी वहां पर सेल हो रही थी।
इसी कड़ी में ये भी सामने आया है कि कई मेडिकल स्टोर द्वारा मेडिकल की आड़ में क्लीनिक चलाया जाता है। औषधि विभाग अनुसार पुलिस और विभागीय टीम की संयुक्त टीम द्वारा सभी जोन के मेडिकल स्टोरों में छापेमारी की गई। इस दौरान टीम द्वारा सभी जोन के मेडिकल स्टोरों की चेकिंग की गई। चेकिंग के दौरान जिन मेडिकल स्टोरों में अनियमितताएं पाईं गई, जिनके लाइसेंस निरस्त करने हेतु संबंधित को रिपोर्ट प्रेषित की गई है।
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट से प्राप्त जानकारी अनुसार 7 महीने की अवधि में प्रदेश के सभी 10 जोन में 13194 इंस्पेक्शन किए गए, जहां पर 867 सेल प्वाइंट सस्पेंड किए गए हैं। अगर इसी कड़ी में यह भी बता दें कि जितने सेल प्रीमिसेज के लाइसेंस सस्पेंड किए गए हैं, उनमें से 16 के पार्शियली और 9 यूनिट पूरी तरह से कैंसिल कर दी गई है। उपरोक्त के अलावा पांच ब्लड सेंटर सस्पेंड किए गए हैं।
Sirmaur Snowfall : चूड़धार में बर्फबारी, सीजन के पांचवें हिमपात से चोटियों पर जमी 5 फुट बर्फ
विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के अलग-अलग जिलों में मेडिकल स्टोर्स पर व्यापक पैमाने पर नशीली दवाएं बिकने के मामले की सामने आए हैं। हालांकि इसको लेकर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट के तहत अनियमितताएं पाए जाने पर मेडिकल स्टोर संचालकों को कारण बताओ नोटिस के अलावा मेडिकल स्टोर के लाइसेंस रद्द किए जाने की कार्रवाई होती है लेकिन इसके बावजूद मेडिकल स्टोर संचालक अश्लील दवाई बेचने से बाज नहीं आ रहे।
इसी कड़ी में यह भी बता दें कि प्रदेश की कई जिलों खासकर फतेहाबाद और सिरसा में ड्रग्स के मामले अन्य जिलों की तुलना में कहीं ज्यादा रिपोर्ट हो रहे हैं। ड्रग्स के मामलों को लेकर विधानसभा सत्र में लगातार हंगामा भी होता रहा है और इन जिलों के कई विधायक युवाओं में बढ़ती नशे की लत और नशा बेचने वाले तस्करों और असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई की मांग करते रहे हैं।
स्टेट ड्रग कंट्रोलर मनमोहन तनेजा ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अपने-अपने क्षेत्रों में मेडिकल स्टोरों पर प्रशासन के सहयोग से चेकिंग अभियान चलाएं। नशे की दवा बेचने वाले मेडिकल स्टोर संचालकों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि सभी जिला ड्रग ऑफिसर अपने खुफिया तंत्र के सहयोग से यह भी पता लगाएं कि अगर कोई व्यक्ति दूसरे के लाइसेंस पर मेडिकल स्टोर चल रहा है तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करें।