India News Haryana (इंडिया न्यूज), Bangladesh: बांग्लादेश में जिस तरह की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं वो काफी हैरान कर देने वाली हैं। लगातार बांग्लादेश वहां पर रह रहे अल्पसंख्यकों पर जुल्म ढा रहा है। और ऐसे में हैरान कर दें वाली बात तो ये है कि इस समय यूनुस सरकार को आखिर इतने हथियारों की जरूरत क्यों पड़ गई है। दरअसल बांग्लादेश में गंभीर हालातों के चलते भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश ने पाकिस्तान से भारी मात्रा में हथियारों की खरीददारी की है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि बांग्लादेश को इस समय इतने हथियारों की जरूरत क्यों पड़ी। गरीबी सी जूझ रहे पाकिस्तान से करीब 52 सालों के बाद एक पानी का जहाज हथियारों का जखीरा लेकर बांग्लादेश पहुंचा है।
हैरान कर देने वाली बात तो ये है कि इस काम के लिए पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बचाए गए राजकोष का इस्तेमाल किया गया है। लेकिन पाकिस्तान से हथियारों की खरीददारी के चलते बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पर सवाल उठ रहे हैं और अब ये सरकार शक के घेरे में है। जैसे ही बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने यहाँ की सियासत छोड़ी वैसे ही बांग्लादेश की के बाद नोबेले पुरस्कार मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार का कार्यभार संभाल लिया। वहीं इसके फौरन बाद अंतरिम सरकार को फौज ने बताया कि बांग्लादेश की सेना के पास गोला बारूद और रायफलों के राउंड खत्म हो चुके हैं और उन्हें इसकी सख्त जरूरत है। ऐसे में पाकिस्तान से बड़ी मात्रा में हथियार मंगवाए गए हैं।
जैसा की आप सभी जानते हैं कि इस समय भारत का दुश्मन देश पाकिस्तान कंगाली से जूझ रहा है। लेकिन ऐसे में पाकिस्तान ने बांग्लादेश के आगे हाथ फैलाए और पैसो की मांग की और कहा अगर बांग्लादेश हमें पैसे दे देता है तो पाकिस्तान उसे हथियारों की मांग को भी पूरा कर देगा। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने अपने प्रशासन को सलाह दी है कि बांग्लादेश जो भी पैसा दे वो उसे ले ले। इससे पहले 1971 में बांग्लादेश ने सीधे तौर पर पाकिस्तान से हथियारों की मांग की थी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें, सेना के कहने पर बांग्लादेश ने पाकिस्तान से करीब 50 हजार राउंड गोला बारूद, 3 हजार यूनिट टैंक का गोला बारूद, 50 टन आरडीएक्स विस्फोटक के साथ 20 हजार राउंड गोला बारूद की मांग की है। वहीं, बांग्लादेश के हथियारों की इस खरीददारी में दलाली की बातें सामने आ रही है। जिसे लेकर मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के साथ बांग्लादेश की सेना के कई अधिकारी सवालों के घेरे में है।