इंडिया न्यूज़, Arthritis In Children : गठिया रोग के कारण शरीर में अक्सर दर्द सूजन रहती है। जोड़ों में दर्द के कारण व्यक्ति कोई भी काम करने में खुद को असमर्थ महसूस करता है। अक्सर हमने ये बीमारी महिलाओं और वयस्कों में सुनी थी लेकिन अब ये समस्या बच्चों में भी होने लगी है। इस बीमारी के सही कारणों का अभी तक पता नहीं लगा है।
गठिया बेहद ही दर्दनाक रोग होता है। इस रोग में मरीज को शरीर के अंगों पर सूजन हो जाती है और उसे जोड़ों में तेज दर्द महसूस होता है। कई बार रोगी दर्द की वजह से रात में उठ जाता है। इसके लक्षण दिखाई देने पर आप तुरंत डॉक्टर की सलाह लें और समय रहते जुवेनाइल आर्थराइटिस का इलाज कराएं।आइए जानते हैं की कितने प्रकार का होता है :
ओलिगोआर्टिकुलर में बच्चे को जोड़ों में दर्द महसूस होता है। इसमें बच्चे के सभी जोड़ प्रभावित नहीं होते हैं। इस प्रकार में बच्चों को केवल शरीर के आधे जोड़ों में दर्द होता है। 8 साल से कम आयु की लड़कियों को इस प्रकार का गठिया होने की संभावना अधिक होती है। ओलिगोआर्टिकुलर में बच्चे के घुटने और टखने प्रभावित होते हैं। इस समस्या में बच्चे की आंखों पर भी असर पड़ता है। इस प्रकार के रोग में बच्चे के नियमित आंखों की जांच कराने की आवश्यकता होती है।
जुवेनाइल आर्थराइटिस में करीब 30 प्रतिशत बच्चों को पॉलीआर्टिकुलर प्रकार का ही गठिया होता है। ये रोग लड़कों की तुलना में लड़कियों में अधिक देखा जाता है। पॉलीआर्टिकुलर में बच्चे के शरीर के पांच या उससे अधिक जोड़ प्रभावित होते हैं। इसमें घुटने टखने और हाथ व पैरों के जोड़ों में दर्द होता है। कुछ बच्चों में प्रकार गंभीर हो जाता है।
सोरियाटिक गठिया में बच्चे को गठिया के साथ सोरायसिस नामक त्वचा रोग भी देखने को मिलता है। परिवार में किसी को सोरायसिस की समस्या होने पर ऐसी स्थिति देखने को मिल सकती है। इसमें बच्चे के नाखून में बदलाव देखने को मिलता है। साथ ही पैरों की अंगुलियों में सूजन देखने को मिलती है।
एंथेसाइटिस से संबंधित गठिया जुवेनाइल आर्थराइटिस का ही एक प्रकार है। जिसमें अक्सर हड्डियों के जोड़ों और स्नायुबंधन में सूजन हो जाती है। यह रीढ़ की हड्डी को भी प्रभावित कर सकता है। इसकी वजह से बच्चे को पीठ में दर्द की समस्या भी हो सकती है। ये रोग 6 साल से अधिक आयु के लड़कों को प्रभावित करता है।
करीब 20 प्रतिशत बच्चों को सिस्टमिक जुवेनाइल आर्थराइटिस होता है। इस प्रकार के रोग में बच्चे के कम से कम एक जोड़ में सूजन और दर्द होता है। अतिरिक्त लक्षणों में हृदय, लिवर और लिम्फ नोड्स जैसे आंतरिक अंगों में सूजन हो सकती है। इस रोग में बच्चे को करीब दो सप्ताह तक तेज बुखार रहता है।
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