20 साल पहले, 26 दिसंबर को मरे थे 2 लाख लोग!

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26 दिसंबर 2004 को 9.2-9.3 मेगावॉट का भूकंप सुमात्रा तट पर आया, जिससे विनाशकारी सुनामी उत्पन्न हुई।

सुनामी ने हिंद महासागर के आसपास के 14 देशों में भारी तबाही मचाई, लगभग 2.3 लाख लोग मारे गए।

भारत में इस आपदा से 16,269 लोगों की मौत हुई, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ।

चेन्नई के मरीना बीच पर सुनामी ने भीषण तबाही मचाई, पानी की दीवार तट पर आई।

भूकंप और सुनामी के कारण समुद्र विज्ञान और सुरक्षा प्रणालियों में महत्वपूर्ण सुधार हुआ।

2004 के बाद सुनामी अनुसंधान में कई विकास हुए, लेकिन सतर्कता और तैयारी जरूरी हैं।

यह आपदा 21वीं सदी की सबसे घातक प्राकृतिक आपदा मानी जाती है।

जापान की 2011 सुनामी ने 2004 की आपदा की याद दिलाई, चेतावनी प्रणालियों की महत्वपूर्णता को साबित किया।