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तवायफों की मदद से बनी ये मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जानें इतिहास 

अलीगढ़ यूनिवर्सिटी की नींव सर सैयद अहमद खान ने 1875 में  रखी थी।

AMU की स्थापना 1875 में एक कॉलेज के रूप में  हुई थी, लेकिन 1920 में इसे यूनिवर्सिटी का दर्जा मिल गया।

उन्होंने चंदे जुटाने के लिए तवायफों के कोठों से लेकर राजा-महाराजाओं तक की सहायता ली।

सर सैयद अहमद खान को पटियाला और बनारस के राजाओं से यूनिवर्सिटी  के लिए बड़ी रकम मिली थी.  

लेकिन सबसे बड़ी मदद हैदराबाद के निजाम ने की थी। उन्होंने यूनिवर्सिटी के लिए  5 लाख रुपए दान किए थे। 

आम जनता ने भी यूनिवर्सिटी की नींव रखने के लिए 1 से लेकर हजारों रुपये तक जान किए।

उस समय 1 रुपए की वैल्यू 12 ग्राम चांदी के बराबर थी।

अलीगढ़ यूनिवर्सिटी की स्थापना सामूहिक प्रयास और संघर्ष के योगदान के कारण हो सकी। 

आज अलीगढ़ यूनिवर्सिटी 150 साल से भी ज्यादा पुरानी हो चुकी है।