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स्कैमर्स खुद को दोस्त या रिश्तेदार आदि बताकर AI वॉयस क्लोनिंग और डीपफेक का इस्तेमाल करते हैं।
इसके बाद किसी जरूरत या इमरजेंसी का बहाना बनाकर पैसे मांगते हैं।
कई संदिग्ध ऐप पीड़ित की स्क्रीन रिकॉर्ड कर लेते हैं। इसके बाद वे बैंक लॉगिन चुरा लेते हैं।
इसके बाद वे आसानी से बैंक अकाउंट में सेंध लगा लेते हैं।
UPI पिन दरअसल आपके डेबिट कार्ड के ATM पिन की तरह होता है। इसे किसी के साथ शेयर न करें।
अगर कोई आपसे पिन डालने के लिए कहता है, तो वह आपके बैंक अकाउंट में सेंध लगा सकता है।
अपने स्मार्टफोन को सुरक्षित रखने के लिए उसे मजबूत पासवर्ड, फिंगरप्रिंट या फेस लॉक से सुरक्षित रखना जरूरी है।