तवायफ सेठों का पसीना निकालने के लिए करती थी ये काम!

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तवायफों की जिंदगी किसी खुली किताब की तरह नहीं होती थी।

तवायफों की जिंदगी की डेली रूटीन आम लोगों से बेहद अलग होती थी, क्योंकि वो देर रात तक जागती थी।

आमतौर पर कोठों पर शाम के समय ही मफिल सजती थी।

तवायफों की जिंदगी पर बनाई डॉक्युमेंट्री में सबा दीवान ने उनके डेली रूटीन के बारे में बताया।

तवायफ रात में देर से सोती थी इसलिए उनके दिन की शुरूआत काफी देर से होती थी।

हर तवायफ को डेली हर हालत में दिन में संगीत का रियास करना होता था।

दिन में कोठे पर रहने वाली लड़कियों को भविष्य के लिए तैयार किया जाता था। उन्हें शायरी और अदब सिखाई जाती थी।

तवायफों को अलग-अलग तरह के नृत्य शैली सीखने के लिए हर रोज घंटो तक अभ्यास करती थी।

कोठे से बाहर निकलने का मौका उन्हें मुजरा करने और महफिल सजाने के लिए मिलता था।