जवानी में रोज रात को करें यह काम!

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 नियमित रूप से 7-8 घंटे की नींद लेने से बुढ़ापे में स्वस्थ जीवन संभव है।

स्वस्थ बुढ़ापे का मतलब है गंभीर बीमारियों से मुक्त रहना और अच्छा मानसिक स्वास्थ्य होना।

नींद के पैटर्न में बदलाव से बुढ़ापे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

इस शोध में 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोग शामिल थे।

अधिक और कम नींद लेने वाले लोगों में स्वस्थ बुढ़ापे की संभावना कम थी।

उचित नींद से मधुमेह, कैंसर और हृदय रोग का खतरा कम होता है।

शोध में पाया गया कि केवल 13.8% लोग ही सफल बुढ़ापे के मानक को पूरा करते हैं।

नींद की गुणवत्ता पर ध्यान देकर लंबा और स्वस्थ जीवन संभव है।