वृंदावन के प्रेमानंद महाराज के दरबार में दूर-दूर से लोग अपनी समस्याएं लेकर आते हैं।
हाल ही में प्यार में धोखा खाया एक व्यक्ति उनके दरबार में आया।
उस व्यक्ति ने कहा, 'मैंने एक लड़की से प्यार किया। उसने मुझे धोखा देकर किसी और का हाथ थाम लिया।
अब मैं बदले की आग में जल रहा हूं।' यह सुनकर प्रेमानंद जी ने कहा, 'बदला लेना ठीक नहीं है।
चुपचाप सहन करो और बिना किसी की जांच किए प्यार में पड़ने की अपनी गलती को स्वीकार करो।
बदले की भावना में जीवन बर्बाद हो जाएगा। अपना मन शांत रखो। तुम्हें जीवन में अच्छा साथी मिलेगा।
उन्होंने कहा, 'प्यार में पड़ने से पहले व्यक्ति का स्वभाव देखो। क्या वह तुमसे सच में प्यार करता है?
प्यार के लिए किसी को चुनो और उसके साथ पूरी जिंदगी बिताने का संकल्प लो। तभी तुम्हारा प्यार पवित्र होता है।
आज तुम, कल कोई और और परसों कोई और। यह प्रेम नहीं है।