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अतुल सुभाष जैसे कई लोगों की आत्महत्या के बाद अब पुरुष भी गुजारे भत्ते को लेकर सवाल कर रहें हैं।
कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गुजारे भत्ते के लिए टिप्पणी की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी यही कहा कि कानून पति को दंडित करने के लिए नहीं बनाया गया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार हिंदू मैरीज एक्ट के तहत पत्नी के साथ भी गुजारा भत्ता के लिए अर्जी दायर कर सकते हैं।
हिंदू मैरीज एक्ट की धारा 24 के तहत यह प्रावधान दिया गया है कि जिसकी हालात ठीक न हो वह गुजारा भत्ता मांग सकता है।
कोर्ट आवेदन के हिसाब से दूसरे पक्ष को गुजारा भत्ता देने का आदेश दे सकता है।
BNSS की धरा 144 में इसका प्रावधान है इसमें पति, पत्नी से अलग होने के बाद उसे गुजारा भत्ता देना होगा।
अगर पत्नी, बच्चे और माता-पिता अपना खर्चा नहीं उठा सकते तो पुरुष को उन्हें गुजारा भत्ता देना होगा।