न होमवर्क,न एग्जाम..अनोखे तरीके से होती है इस देश में पढ़ाई

क्या आपको भी हर वक्त एग्जाम, होमवर्क की फिक्र सताती है, साथ ही क्लास में टॉप करने का प्रेशर भी बना रहता है

कभी क्लास टेस्ट, कभी एनुअल एग्जाम तो कभी बोर्ड एग्जाम की टेंशन होती हैं और एग्जाम का यह सिलसिला बच्चों के स्कूल में दाखिल होने के बाद से ही शुरू हो जाता है

भारत में तो छोटी क्लास यानी नर्सरी से ही एग्जाम का सिलसिला शुरू हो जाता है. जिससे बचपन से ही बच्चे एग्जाम की तैयारी करने में लग जाते हैं

लेकिन दुनिया में एक ऐसा देश हैं जहां बच्चों को न होमवर्क करना होता है, न एग्जाम देने होते हैं और उनके ऊपर किसी तरह का प्रेशर भी नहीं होता है

इस देश का नाम फिनलैंड है. फिनलैंड यूरोप का एक देश है. जहां एग्जाम नहीं होते और पूरी दुनिया में फिनलैंड के एजुकेशन सिस्टम को बेस्ट माना जाता है

फिनलैंड में बच्चे स्कूल जाना 7 साल की उम्र से शुरू करते हैं, जबकि भारत में बच्चे इस उम्र में फर्स्ट या सेकेंड क्लास में होते हैं.

बच्चों को इस देश में 16 साल की उम्र तक कोई एग्जाम नहीं देने होते हैं. इन स्कूल में बच्चों को चीजे याद कराने और होमवर्क कराने पर जोर नहीं दिया जाता

इन स्कूलों में बच्चों की हेल्थ का ख्याल रखा जाता है और खास कर उनकी मेंटल हेल्थ पर ध्यान दिया जाता है. फिनलैंड में बच्चों के बीच किसी तरह का कॉम्पिटिशन नहीं होता

फिनलैंड के 93 प्रतिशत ग्रेजुएट छात्र अमेरिका की तुलना में 17.5 प्रतिशत ज्यादा स्कोर करते हैं. साथ ही फिनलैंड अमेरिका की तुलना में हर छात्र पर लगभग 30% कम खर्च करता है