P.C- Pinterst
RBI ने लोन सेक्टर में काम को आसान बनाने के उद्देश्य से बीते साल ULI की पायलट परियोजना की शुरुआत की थी और अब जल्द इसे लॉन्च किया जा सकता है।
ULI दरअसल, डिजिटल डेटा मुहैया कराता है, जिसमें तमाम डेटा प्रोवाइडर्स से लोन लेने वालों तक के लैंड रिकॉर्ड भी शामिल होते हैं।
जो कि क्रेडिट वैल्यूएशन में लगने वाले समय को कम करने में मदद करता है।
उन्होंने बताया कि यूएलआई को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये अलग-अलग सोर्सेज से जानकारी जुटाता है।
जिसके चलते लोन के लिए अप्लाई करने वालों को बहुत ज्यादा डॉक्युमेंट्स देने की जरूरत नहीं होती और उन्हें आसानी से कर्ज मिल सकता है।
यूएलआई प्लेटफॉर्म Loan के लिए अप्लाई करने वाले ग्राहक के आधार, E-KYC के साथ ही लैंड रिकॉर्ड, पैन और अकाउंट से संबंधित जरूरी जानकारियों को अलग-अलग सोर्सेज से कम समय में जुटाएगा।