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शेयर बाजार में तेजी से निवेश बढ़ने का असर बैंकों में जमा पैसे पर पड़ रहा है।
एक रिपोर्ट से सामने आया था कि निवेशकों बैंकों से एफडी तोड़कर स्टॉक मार्केट में लगा रहे हैं।
यही कारण है कि आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में इजाफा नहीं किये जाने के बावजूद बैंकों की तरफ से ब्याज दर को बढ़ाया जा रहा है।
ऐसे में आरबीआई के नए नियमों के अनुसार बैंकों को ऐसे रिटेल सेविंग अकाउंट को ज्यादा रिस्क वाली कैटेगरी में रखना होगा।
जिनसे नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग के जरिये आसानी से पैसा निकाला जा सकता है।
यानि इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग की सर्विस लेने वाले स्टेबल रिटेल डिपॉजिट अकाउंट पर 10% और कम स्टेबल अकाउंट पर 15% का रन-ऑफ फैक्टर लगेगा।