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इस गांव में 200 सालों से चल रही हैं सांपों की अदालत!

यह परंपरा लसूडिया परिहार गांव में हर साल दीपावली के दूसरे दिन मनाई जाती है।

इस अदालत में इंसानों की बजाय सांपों की पेशी होती है, जहां सांपों के काटने पर लोग अपने अनुभव साझा करते हैं।

यह परंपरा बाबा मंगलदास के मंदिर में की जाती है, जहां विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।

पुजारी मंत्रोच्चार करते हैं और थाली को नगाड़े की तरह बजाया जाता है, जिससे सांपों की उपस्थिति महसूस की जाती है।

इस अवसर पर सर्पदंश के पीड़ितों का मुफ्त में इलाज भी किया जाता है।

सर्पदंश पीड़ितों को बंधेज नामक धागे से बांधकर इलाज करते है। इस प्रक्रिया से जहर उतारा जाता है ।

हर साल इस अनोखी अदालत में सैकड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं, जो इस परंपरा को देखने आते हैं।

मान्यता है कि नाग देवता स्वयं व्यक्ति के अंदर आकर बताते हैं कि उन्होंने उस इंसान को  क्यों काटा।

लोगों को इस परंपरा में सांपों के प्रति गहरे विश्वास और धार्मिक आस्था हैं।