डोनाल्ड ट्रंप की जीत से जहां सबसे ज्यादा फायदा एलन मस्क को हुआ है वहीं अंबानी- मित्तल को इससे झटका लगा है।
ट्रंप की जीत से ये कयास लगाए जा रहे है कि मस्क के स्टारलिंक की राहें भारत आने के लिए आसान हो गई हैं।
वहीं, स्टारलिंक के आने से अंबानी और मित्तल की मुसीबतें बढ़ गई हैं दोनों फिलहाल भारत में सैटेलाइट लाने की तैयारी में हैं।
केंद्र सरकार नीलामी के बिना सैटकॉम एयरवेन आवंटित करना चाहती है स्टारलिंक और ऐमजॉन इसका समर्थन भी करती है।
लेकिन भारत की शीर्ष दूरसंचार कंपनियों रिलायंस जियो और भारती एयरटेल इसके समर्थन में नहीं हैं।
ट्रंप की जीत के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सैटेलाइट एयरवेव को प्रशासनिक रूप से आवंटन किया जाएगा।
अभी सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के आवंटन के तरीके और ब्रॉडबैंड-फ्रॉम-स्पेस सर्विसेज तो सपोर्ट करने के लिए इसकी प्राइसिंग को लेकर सभी कंपनियों में जबरदस्त होड़ चल रही है।
जियो और एयरटेल ने ट्राई से कहा कि शहरी या रिटेल ग्राहकों की सर्विस के लिए केवल नीलाम किए गए सैटेलाइट स्पेक्ट्रम को ही उपयोग किया जाए।