इस बार महाकुंभ में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
साधुओं और संतों में अघोरी साधु एक वर्ग हैं, उनका पहनावा उन्हें दूसरों से अलग बनाता है।
अघोरी साधुओं का पहनावा ही नहीं बल्कि उनका रहन-सहन और उनकी जीवनशैली भी बिल्कुल अलग होती है।
अघोरी साधु भगवान शिव के उपासक होते हैं। वे हिंदू धर्म के पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन नहीं करते हैं।
अघोरी साधु शवों पर बैठकर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए साधना करते हैं।
अघोरी साधु शवों के साथ शारीरिक संबंध भी बनाते हैं। क्योंकि इससे उनकी शक्ति बढ़ती है।
आम तौर पर देखा जाए तो साधु ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं। लेकिन अघोरी साधु इसके ठीक उलट होते हैं।
वे न केवल मृत शरीर के साथ बल्कि जीवित लोगों के साथ भी शारीरिक संबंध बनाते हैं।