अघोरी क्यों बनाते हैं शवों के साथ शारीरिक सम्बन्ध!

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अघोरी बाबा सुनते ही दिमाग में एक राख से लिपटे, इंसानी मांस खाने वाले, जादू टोना करने वाले साधुओं का एक रूप आता है।

अघोरी श्मशान घाट में रहते हैं और अधजली लाशों का मांस खाते हैं। साथ ही, शरीर के द्रव्य भी प्रयोग करते हैं।

 इसके पीछे उनका तर्क है कि ऐसा करने से उनकी तंत्र करने की शक्ति प्रबल होती है।

अघोरी खुद को शिव  की भक्ति में लीन होने के लिए 3 तरह की साधनाएं करते हैं।, शव साधना,शिव साधना,और श्मशान साधना। 

अघोरी साधु शवों की साधना भी करते है, साथ ही उनसे शारीरिक सम्बन्ध भी बनाते हैं।

इसके पीछे उनका तर्क है कि शिव और शक्ति की उपासना करने का सरल तरीका होता है।

वो मानते हैं कि शव के साथ शारीरिक संबंध बनाते समय मन ईश्वर भक्ति में लगा है तो इससे बढ़कर साधना का स्तर और कुछ नहीं होता।