बच्चों के जन्म, शादी के मौके पर किन्नर ताली बजाते हैं और बधाई देते हैं।
उनके ताली बजाने का अंदाज अलग होता है। यह आम लोगों की ताली बजाने से अलग होता है।
एक किन्नर दूसरे किन्नर को ताली बजाने के तरीके और उसकी आवाज से पहचानता है।
कई बार नकली किन्नर भी पैसे ऐंठने के लिए भेष बदलकर घूमते हैं।
असली किन्नर अपनी ताली की आवाज से पहचान लेते हैं कि वे हमारे समुदाय से नहीं बल्कि पुरुष या महिला हैं।
इस तरह किन्नर अपनी पहचान दिखाने और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए ताली बजाते हैं।
किन्नरों की ताली बजाना दूसरों के लिए आशीर्वाद के साथ-साथ उनकी मौजूदगी का सबूत भी है।
वैसे उनके समुदाय में कई बार खुशी, गम या लड़ाई-झगड़े के दौरान भी ताली बजाई जाती है।