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यहां कपड़े पहनने की महिलाएं चुकाती है भारी कीमत!
19वीं सदी में त्रावणकोर में दलित महिलाओं पर “ब्रेस्ट टैक्स” लगाया गया।
महिलाएं अपनी छाती ढकने पर टैक्स देती थीं, छोटे स्तन वाले को कम, बड़े क
ो ज्यादा।
नांगेली ने ब्रेस्ट टैक्स को चुनौती दी और अपने कटा हुआ स्तन राजा को पेश किया।
नांगेली की शहादत के बाद, महिलाओं ने विद्रोह किया और कपड़े पहनने का अधिकार हा
सिल किया।
अंग्रेजी गवर्नर ने 1859 में ब्रेस्ट टैक्स को रद्द कर दिया, लेकिन हिंसा जारी रही।
नांगेली के संघर्ष ने त्रावणकोर में बदलाव की शुरुआत की, और उसे वीरता के प्रतीक के
रूप में याद किया गया।
नांगेली को इतिहास में सही सम्मान नहीं मिला, लेकिन उसकी वीरता को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।