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Haryana Cabinet : हरियाणा में 8 नए कैबिनेट मिनिस्टर, पूरी कैबिनेट में एक निर्दलीय के अलावा बाकी को निराशा हाथ लगी

• LAST UPDATED : March 20, 2024
  • निर्दलीयों की उम्मीदों को लगा धक्का, हरियाणा कैबिनेट में रणजीत सिंह के अलावा नहीं है कोई निर्दलीय मंत्री

  • हरियाणा में कैबिनेट मिनिस्टर के सभी 14 पद भरे गए, सीएम समेत 7 कैबिनेट और 7 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाए गए

डॉ. रविंद्र मलिक, India News (इंडिया न्यूज़), Haryana Cabinet, चंडीगढ़ : हरियाणा की भाजपा की नई सरकार का गठबंधन 12 फरवरी को होने के बाद प्रदेश की सियासत में कई व्यापक बदलाव देखने को मिले हैं। सीएम मनोहर लाल की मुख्यमंत्री पद से रवानगी के बाद नायब सिंह सैनी और 4 भाजपा व 1 निर्दलीय ने मंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद 19 फरवरी को 8 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।

पिछली बार भी मंत्री रहे कमल गुप्ता को कैबिनेट मिनिस्टर बनाया गया वहीं बाकी 7 को राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार शपथ दिलाई गई। नई भाजपा सरकार के गठन के बाद स्पष्ट संकेत हैं कि नई मंत्रिपरिषद के विस्तार के दौरान जातीय समीकरणों का  विशेष ध्यान रखा गया है। ऐसे में कैबिनेट के गठन से साफ है कि हरियाणा में भाजपा सरकार ने किसी भी वर्ग के वोटरों की संभावित नाराजगी से बचने के लिए पूरी तरह से जातीय समीकरणों को तवज्जो दी है।

मंत्री परिषद के सभी पद भरे, दूसरे चरण में किसी भी निर्दलीय को जगह नहीं मिली

हरियाणा में अधिकतम 14 मंत्रियों की कैबिनेट में जगह मिली। पहले चरण में सीएम सहित कुल 6 कैबिनेट मिनिस्टर बनाए गए तो वहीं मंगलवार को बाकी खाली 8 पदों को भी भर दिया गया। इनमें से एक कैबिनेट मिनिस्टर और 7 राज्यमंत्रियों की नियुक्ति को मजूरी दे दी गई। पहले चरण के बाद खाली पड़े पदों पर सभी निर्दलीय विधायकों की मंत्री पद पर टकटकी थी, लेकिन किसी को भी मंत्री नहीं बनाया गया।

फिलहाल सीएम के अलावा 5 मंत्री बने हैं तो बाकी खाली रखे गए हैं। भाजपा को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों में नीलोखेडी से धर्मपाल गोंदर, पूंडरी से रणधीर गोलन, बादशाहपुर से राकेश दौलताबाद, रानिया से रणजीत सिंह चौटाला, दादरी से सोमवीर सांगवान, पृथला से नयनपाल रावत और हलोपा से गोपाल कांड़ा शामिल हैं, लेकिन किसी को भी दूसरे चरण में मंत्री नहीं बनाया गया। बता दें कि जजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद इन सभी निर्दलीयों ने भाजपा को समर्थन दे रखा है।

विज की नाराजगी बरकरार

वहीं मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान पूर्व होम मिनिस्टर अनिल विज की नाराजगी बरकरार रही। जब उनसे पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की बात का हवाला देते हुए पूछा गया कि क्या वो नाराज हैं। इस पर अनिल विज ने जवाब देते हुए कहा कि वो नाराज नहीं हैं। मुझे नहीं पता मनोहर लाल किस आधार पर ये कह रहे हैं। पता नहीं उनकी आंखें कहां होती हैं और निशाना कहां होता है। आगे एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे कतई जानकारी नहीं थी कि हरियाणा का सीएम बदला जा रहा है। एक तरह से विज के बयान से साफ हो गया है कि उनकी नाराजगी दूर नहीं हुई है।

हरियाणा में जातीय समीकरणों पर एक नजर

जातीय समीकरणों की बात करें तो हरियाणा में मुख्य रूप से जाट, एससी और ओबीसी वर्ग के वोटर्स सबसे ज्यादा हैं। हरियाणा में एससी और ओबीसी वोटर्स की बात करें तो संयुक्त रूप से दोनों वर्ग के हरियाणा में परिवारों की संख्या करीब 51 लाख है, जिनमें से 30 फीसदी से ज्यादा ओबीसी और करीब 20 फीसदी एससी वर्ग से है। वहीं हरियाणा में सामान्य वर्ग की बात करें तो सबसे ज्यादा करीब 30 फीसदी जाट वोटर्स हैं। इस लिहाज से प्रदेश की राजनीति और सत्ता निर्धारण में जाट वोटर्स डिसाइडिंग फैक्टर हैं।

भाजपा के पास 90 में से 48 विधायकों का समर्थन

अगर बहुमत के लिहाज से बात की जाए तो पूर्व सहयोगी जजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद सरकार चलाने के लिए जरूरी 46 से ज्यादा विधायकों का आंकड़ा है। बता दें कि हरियाणा में 90 विधानसभा सीटें हैं। इनमें 41 भाजपा, 30 कांग्रेस, 10 जजपा, 1 इनेलो, 1 हलोपा और 7 निर्दलीय हैं। बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिएं। भाजपा के पास खुद के 41 के अलावा 7 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक का समर्थन है। इस लिहाज से भाजपा के पास बहुमत के 46 के आंकड़े से 2 सीटें ज्यादा बन रही हैं।

जातीय समीकारणों का ख्याल रखा नई कैबिनेट में

नई कैबिनेट में जातीय समीकरण का पूरा ख्याल रखा गया है। नायब सैनी के सीएम बनने के बाद नई कैबिनेट के गठन के दौरान उनके अलावा 5 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी। इनमें से खुद सीएम नायब सिंह सैनी और कंवर पाल गुर्जर दोनों ओबीसी कैटेगरी से हैं वहीं निर्दलीय कोटे से मंत्री बने रणजीत सिंह व भाजपा विधायक जेपी दलाल दोनों जाट समुदाय से हैं।

इनके अलावा मूलचंद शर्मा ब्राह्मण और बनवारी लाल शर्मा एससी कैटेगरी से हैं। वहीं कैबिनेट के दूसरे विस्तार के दौरान जिनको मंत्री बनाया गया है इनमें सीमा त्रिखा पंजाबी, महिपाल ढांडा जाट, संजय सिंह राजपूत, असीम गोयत बनिया, सुभाष सुधा पंजाबी और विशंभर बाल्मिकी एससी समुदाय से हैं। इस लिहाज से हरियाणा कैबिनेट में जाट समुदाय और ओबीसी समुदाय से 6, प्रत्येक 3, एससी समुदाय से 2, बनिया समुदाय से और राजपूत समुदाय से 1 मंत्री बनाया गया है।

हरियाणा कैबिनेट पर एक नजर

1. नायब सैनी (कैबिनेट मिनिस्टर, ओबीसी)।
2. कंवर पाल सिंह गुर्जर (कैबिनेट मिनिस्टर, ओबीसी)।
3. रणजीत सिंह चौटाला (कैबिनेट मिनिस्टर, जाट)।
4. जयप्रकाश दलाल (कैबिनेट मिनिस्टर, जाट)।
5. डॉ. बनवारी लाल (कैबिनेट मिनिस्टर, एससी)।
6. कमल गुप्ता (कैबिनेट मिनिस्टर, वैश्य)।
7. मूलचंद शर्मा ब्राह्मण।
राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार………
8. सीमा त्रिखा (पंजाबी)
9. महिपाल ढांडा (जाट)
10. संजय सिंह (राजपूत)
11. अभय सिंह यादव (ओबीसी)
12. असीम गोयल पहुंचे (वैश्य)
13. सुभाष सुधा (पंजाबी)
14. विशंभर वाल्मिकी (एससी)

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