क्या था मामला

हलफनामे में शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि जस्टिस गोगोई ने कथित तौर पर कुछ एहसानों के बदले उनके साथ शारीरिक तौर पर अंतरंग होने का प्रयास किया था। महिला का यह भी दावा था कि इससे इनकार करने के कुछ ही हफ्तों में उन्हें तीन बार स्थानांतरित किया गया, कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही का सामना करना पड़ा और आखिरकार उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।

उनके एक देवर, जिन्हें सीजेआई के विवेकाधीन कोटे से कोर्ट में नियुक्त किया गया था, को भी बिना किसी स्पष्टीकरण के काम से हटा दिया गया। अपने हलफनामे में महिला ने दावा किया कि इस प्रकरण के तुरंत बाद दिल्ली  पुलिस कार्यरत उनके पति और पति के एक भाई को कथित रूप से झूठे आरोपों में विभागीय जांच का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया।