फरीदाबाद की एमडी यूनिवर्सिटी के तुगलकी फरमान से सैकड़ों छात्र छात्रा के भविष्य पर तलवार लटक गई है। अक्सर एमडी यूनिवर्सिटी अपने तुगलकी फरमानओं को लेकर विवादों में रहती है। दरअसल यूनिवर्सिटी एक साल की इतनी फीस नही जितना छात्रों से जुर्माना वसूल रही है। ऐसे में आज पीड़ित छात्रों ने एनएसयूआई के छात्र नेता कृष्ण अत्री के नेतृत्व में नेहरू कॉलेज के प्रिंसिपल को ज्ञापन सौंपा और यूनिवर्सिटी से इस तुगलकी फरमान को वापस लेने की मांग की स्कूल के प्रिंसिपल ने भी यूनिवर्सिटी से कितने छात्र हित में वापस लेने की अपील की है।
सीधे तौर पर उन्होंने कहा कि कॉलेज यूनिवर्सिटी के नियमों का पालन करता है इसलिए यूनिवर्सिटी ने राहत देने पर वे छात्रों की कोई मदद कर पाएंगे वहीं विद्यार्थियों ने सीधे तौर पर चेतावनी दी है कि यदि यह अवैध जुर्माना वापस नहीं लिया गया तो वे यूनिवर्सिटी के खिलाफ सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे।इस मौके पर छात्र क्वेश्चन अत्री ने बताया कि पंडित जवाहरलाल नेहरू कॉलेज के 206 छात्रों से एमडी यूनिवर्सिटी 8000 रुपये वसूल रही है। इसलिए छात्रों ने अपने रुके हुए रिजल्ट को लेकर तथा अवैध जुर्माना माफ करवाने के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरु कॉलेज के प्रिंसिपल को शिक्षा मंत्री यूनिवर्सिटी के चांसलर सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा है।
एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने बताय हाल ही में प्रथम सेमेस्टर के छात्रों का परीक्षा परिणाम घोषित हुआ है। जिसमें अकेले पंडित जवाहरलाल नेहरू कॉलेज के 206 छात्रों के परीक्षा परिणाम में N.E(नॉट एलिजिबल) आया हैं जिसकों हटवाने के लिए छात्रों को 3000 रुपये जुर्माना के रूप में देने है। इस जुर्माने को लगभग सभी छात्र दे भी चुके हैं लेकिन इसके बावजूद छात्रों का परीक्षा परिणाम नही आया हैं। इस जुर्माने से अलग C.R(कंटिन्यू रजिस्ट्रेशन) के नाम पर 5000 रुपये का जुर्माना और मांगा जा रहा है जिसके बाद छात्रों का रुका हुआ परीक्षा परिणाम घोषित होगा। इस तरह से एक छात्र को अपना परीक्षा परिणाम घोषित करवाने के लिए 8400 रुपये का जुर्माना देना होगा जिसमें से 400 कॉलेज की तरफ से दिए जायेंगे और 8000 रुपये प्रत्येक छात्र को देने हैं। कृष्ण अत्री ने कहा कि जिस समय दाखिला होता है उसी समय छात्रों से सभी दस्तावेज ले लिए जाते हैं फिर उसके बाद दुबारा से छात्रों से कागजात माँगने का तथा कागजात के नाम पर अवैध जुर्माना वसूलने का कोई औचित्य नहीं होता। उन्होंने कहा कि जब अकेले नेहरू कॉलेज में 206 छात्र हैं तो बाकी अन्य कॉलेजों में ना जाने कितने छात्र परेशान होंगे।
वही ज्ञापन देने आए छात्रों ने कहा कि सरकारी कॉलेजों में ज्यादातर गरीब, किसान, मजदूर तथा मध्यम वर्गीय परिवार के छात्र पढ़ते हैं। सरकारी कॉलेजों में इतनी फीस एक साल की नही होती जितना अब जुर्माने के रूप में वसूले जा रहे हैं। इसलिए हरियाणा की खट्टर सरकार तथा एमडीयू प्रशासन को इस अवैध जुर्माने को माफ करके छात्रों का रुका हुआ परीक्षा परिणाम घोषित कर देना चाहिए ताकि छात्र अपनी आगे की पढ़ाई सुचारू रूप से कर सके।यूनिवर्सिटी के तुगलकी फरमान से पीड़ित छात्रा ने कहा कि वह किसी तरह ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई पूरी कर रही हैं और ऐसे में उन से अवैध रूप से जुर्माना वसूला जा रहा है जोकि सरासर गलत है एक तरफ जहां सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है वहीं दूसरी तरफ बेटियों को शिक्षा में सहयोग नहीं किया जा रहा है उन्होंने अपील की कि एमडी यूनिवर्सिटी जुर्माना व फीस माफ कर विद्यार्थियों को राहत दे