राजीव गांधी एजुकेशन सिटी में स्थित डा. बी. आर. अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर की अध्यक्षता में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। कुलपति प्रो मेहरा ने कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि डा. बी. आर. अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय ने जुलाई 2019 में लॉ का प्रथम बैच शुरू किया था। प्रदेश सरकार की दूरगामी सोच और सकारात्मक प्रयास के चलते आज हम क्लैट रैंकिंग में 24 वें पायदान से 16 वें पायदान पर पहुंच गए हैं। हमारा लक्ष्य विधि शिक्षा की गुणवता को बढ़ाकर सभी स्तरों पर शैक्षणिक उत्कृष्टता को हासिल करना और आधुनिक बनाकर सुधार करना है।
कुलपति प्रो. मेहरा ने कहा कि कोरोना के दौरान प्रदेश में पहला विश्वविद्यालय है, जिसने 16 मार्च को 2019 को ऑनलाइन क्लास शुरू की थी। कोरोना काल में विश्वविद्यालय परिवार का पूरा स्टाफ टीचिंग और नॉन-टीचिंग एवं छात्र-छात्राओं ने मिलकर पीएम केयर फंड और सीएम केयर फंड में सहयोग राशि का योगदान किया था। प्रो. मेहरा ने कहा कि विश्वविद्यालय ने 2 वर्षों में 65 गेस्ट लेक्चर, 20 राष्ट्रीय सेमिनार, 2 अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार एवं 5 संस्थाओं के साथ एमओयू किया है। आने वाले समय में राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय एवं संस्थाओं के साथ ओर एमओयू किए जाएंगे। जिससे विश्वविद्यालय विधि शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। प्रो. मेहरा ने नए कैंपस में स्थापित होने पर विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय लगभग 25 एकड़ में बनकर तैयार हुआ है, जिसकी आभा किसी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संस्थान से कम नजर नहीं आ रहीं है।
नए कैंपस में छात्र-छात्राओं को एसी क्लास रूम, एयर कंडीशनर कम्प्यूटर लैब, अत्याधुनिक लाइब्रेरी, मूट कोर्ट , विवेकानंद बॉयज छात्रावास एवं अहिल्याबाई गर्ल्स छात्रावास, गेस्ट हाउस, रेजिडेंस हॉल, डिस्पेंसरी, बैंक, एटीएम, स्टाफ के लिए कॉम्प्लेक्स, वाईफाई, आईटी सुविधा, चौबीस घंटे बिजली तथा पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे इत्यादि सुविधाएं मिलेंगी। वर्तमान में विश्वविद्यालय द्वारा बीएएलएलबी (ऑनर्स) और पीजी डिप्लोमा कोर्स संचालित किया जा रहा है। प्रो. मेहरा ने कहा कि आने वाले समय में विधि और एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े कई कोर्सेस आरंभ करने एवं शोध के क्षेत्र में भी आधार मजबूत करने के लिए पीएचडी प्रोग्राम शुरू करने की योजना तैयार कर ली है। आगामी सत्र में विधि शब्दावली पर हिंदी और संस्कृत भाषा में डिप्लोमा कोर्स आरंभ करने का प्रपोज़ल बनाया गया है, ताकि हिंदी भाषा को अदालती कार्रवाई में और मजबूती मिल सके। जनसम्पर्क अधिकारी अम्बरीष प्रजापति ने सभी का आभार प्रकट किया।