बहादुरगढ़ के बेटे योगेश कथूनिया ने टोक्यो पैरा ओलम्पिक में डिस्कस थ्रो में जीता रजत पदक है। पदक जीतने के बाद उनके परिवार में खूशी का माहौल है। योगेश को 2006 में पैरालाइसिस हुआ था। उन्होनें 2016 में डिस्कस थ्रो खेलना शुरु किया था। उनके दादा और पिता मेजर व कैप्टन के पद पर सेना में रहकर देशसेवा कर चुके हैं। योगेश डेढ़ साल से प्रैक्टिस के चलते नहीं आ सका थे ।
इन दिनों टोक्यो में चल रहे पैरा ओलम्पिक में झज्जर जिले के बहादुरगढ़ शहर के योगेश कथूनिया ने डिस्कश थ्रो में रजत पदक जीता है। योगेश के रजत पदक जीतने की खबर जैसे ही उसके परिजनों व आस-पास के लोगों को मिली तो सभीमें खुशी की लहर दौड़ गई। सभी ने खुशी में आतिशबाजी जलाई और ढोल की थाप पर जमकर डांस किया।
योगेश के परिजनों की खुशी में भाजपाई भी शामिल हुए। बहादुरगढ़ के पूर्व विधायक नरेश कौशिक सहित अन्य भाजपा नेताओं ने योगेश के परिजनों के साथ ढोल की थाप पर नाचते हुए अपनी खुशी का इजहार किया। सभी ने एक-दूसरे को इस खुशी में लड्डू खिलाकर मुंह मीठा कराया। बता दें कि योगेश कथूनिया बहादुरगढ़ के रहने वाले है।
साल 2006 में योगेश को पैरालाइसिस हुआ था। 2016 में योगेश ने डिस्कस थ्रो खेलना शुरू किया। योगेश के दादा हुकम चंद सेना में सूबेदार और पिता सेना में कैप्टन के पद पर रहकर देश की सेवा कर चुके है। परिजनों का कहना है, कि उनके बेटे योगेश द्वारा टोक्यो के पैरा ओलम्पिक में रजत पदक जीतने पर बहादुरगढ़ शहर, जिला झज्जर व हरियाणा को ही नहीं बल्कि पूरे देश को योगेश पर गर्व है। कहा कि योगेश ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है।
परिजनों ने यह भी बताया कि योगेश पिछले डेढ़ साल से प्रैक्टिस के चलते घर नहीं आ सका था। अब जब वह घर लौटेगा तो उसका जोरदार स्वागत किया जाएगा।