बल्लभगढ़ नागरिक अस्पताल में सुबह 9:00 बजे गर्भवती महिला को लेकर उसकी मां जब अस्पताल पहुंची। महिला को अस्पताल के काम काज की जानकारी नहीं होने के कारण आधे घंटे तक इधर से उधर घूमनो पड़ा। महिला जब वापस ऑटो पर पहुंची, तो देखा कि उसकी बेटी ने ऑटो में ही बच्ची को जन्म दे दिया है। जिसके बाद आनन-फानन में अस्पताल प्रशासन ने जच्चा- बच्चा को वार्ड में शिफ्ट कराया। सूचना मिलने के बाद हालचाल जानने महिला के पास पहुंचे बल्लभगढ़ एसएमओ। इमरजेंसी डॉक्टर भी गर्भवती महिला के पास पहुंचे।
बल्लभगढ़ के नागरिक अस्पताल में प्रशासन की लापरवाही का मामला सामने आया है। आज सुबह लगभग 9:00 बजे एक महिला अपनी गर्भवती बेटी को लेकर अस्पताल में भर्ती कराने लाइ। महिला को अस्पताल के काम काज की जानकारी न होने का कारण लगभग आधे घंटे तक इधर से उधर अस्पताल में चक्कर काटना पड़ा। आधे घंटे के बाद वह वापस अपनी बेटी के पास ऑटो में पहुंची तो देखा कि उसकी बेटी ने ऑटो में ही बच्ची को जन्म दिया है। इस घटना को देखने के बाद अस्पताल प्रशासन को जानकारी मिली। जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने आनन-फानन में महिला और बच्ची को जच्चा- बच्चा वार्ड में शिफ्ट कराया। सूचना मिलने के बाद एसएमओ बल्लभगढ़ टी सी गढ़वाल और एमरजैंसी डॉक्टर सचिन महिला का हाल-चाल लेने पहुंचे।
महिला ने बताया कि वह पहली बार अस्पताल आई है। उसे जानकारी नहीं थी कि कहां पर डिलीवरी होती है। परंतु किसी ने उन्हें बताया कि इमरजेंसी वार्ड से पर्ची करते है। उसके बाद जच्चा-बच्चा वार्ड में शिफ्ट कराया जाता है। महिला पर्ची कटवाने के लिए इमरजेंसी वार्ड में पहुंची तो वहां पर लगभग 15-20 मिनट तक उसे पर्ची नहीं मिली। कुछ देर बाद जब उसे पर्ची मिली तब तक उसकी बेटी बच्ची को ऑटो में जन्म दे चुकी थी। जिसकी सूचना अस्पताल प्रशासन को लगी तो आनन-फानन में उसे जच्चा-बच्चा वार्ड के अंदर शिफ्ट कराया। फिलहाल जच्चा और बच्चा दोनों ही सुरक्षित है।
बल्लभगढ़ एसएमओ ने बताया कि उन्हें जैसे ही जानकारी मिली थी, वह तुरंत उस महिला से मिलने के लिए पहुंचे थे। हालांकि फिलहाल महिला और बच्चे दोनों सुरक्षित है।इमरजेंसी में लापरवाही के लिए उन्होंने इमरजेंसी वार्ड के स्टॉफ पर कार्रवाई की बात की।