होम / कांग्रेस ने क्यों मांगी ऐलनाबाद पर रिपोर्ट…जानिए पूरी खबर 

कांग्रेस ने क्यों मांगी ऐलनाबाद पर रिपोर्ट…जानिए पूरी खबर 

• LAST UPDATED : November 6, 2021

सोनीपत

कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा में सिरसा जिले की ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी की करारी हार पर रिपोर्ट तलब कर ली है। पार्टी हाईकमान ने कांग्रेस के हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बंसल से यह रिपोर्ट जल्द से जल्द सबमिट करने को कहा है। ऐलनाबाद उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी पवन बेनीवाल तीसरे नंबर पर रहे थे। यहां इनेलो के अभय चौटाला ने जीत दर्ज की और दूसरे नंबर पर भाजपा कैंडिडेट गोविंद कांडा रहे। ऐलनाबाद में कांग्रेस कैंडिडेट की हार पर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा विरोधियों पर निशाना साध चुकी हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल तो प्रचार में पूरी ताकत न झोंकने के लिए पार्टी कैंडिडेट पवन बेनीवाल को भी कटघरे में खड़ा कर चुके हैं। अब विवेक बंसल को हाईकमान को दी जाने वाली रिपोर्ट में कई बिंदुओं पर जवाब देना है और तय है कि इसमें हरियाणा कांग्रेस में हावी गुटबाजी का भी जिक्र रहेगा।

30 अक्टूबर को हरियाणा समेत 14 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश की 3 लोकसभा और 30 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुआ था। 2 नवंबर को हुई मतगणना में हरियाणा की ऐलनाबाद सीट के रिजल्ट से कांग्रेस को गहरा धक्का लगा। अब कांग्रेस हाईकमान हार के कारणों पर मंथन कर रहा है और इसी वजह से कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव वेणुगोपाल ने सभी राज्यों के प्रदेश पार्टी प्रभारियों से रिपार्ट मांगी है। वेणुगोपाल ने यह रिपोर्ट ईमेल पर जल्द से जल्द देने को कहा है। कांग्रेस के हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बंसल को ऐलनाबाद सीट पर मिली हार के कारण बताने हैं।

इन बिंदुओं पर मांगा जवाब
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव वेणुगोपाल ने उपचुनाव के नतीजों पर पार्टी प्रभारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसमें उपचुनाव में हार के प्रमुख कारण, कैंडिडेट चयन के मापदंड, चुनाव अभियान और चुनाव प्रबंधन, रिजल्ट का प्रदेश पर असर और अन्य राजनीतिक दलों की भूमिका जैसे प्वाइंट्स पर रिपोर्ट मांगी गई है। उपचुनाव के रिजल्ट के बाद अब कांग्रेस आलाकमान के एक्शन में आने से हरियाणा में पार्टी के कुछ नेताओं की धड़कनें बढ़ी हुई है। उपचुनाव में हार के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराए जाने से गुटबाजी को और हवा मिल सकती है। ऐलनाबाद उपचुनाव में पवन बेनीवाल को टिकट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा के कहने पर दिया गया था। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा का गुट पवन बेनीवाल के चाचा भरत सिंह बेनीवाल के लिए टिकट मांग रहा था।

सैलजा कर चुकी विरोधियों पर वार
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ऐलनाबाद उपचुनाव में कांग्रेस की बुरी स्थिति के लिए पार्टी के ही कुछ नेताओं को जिम्मेदार ठहरा चुकी है। उनके अनुसार, उपचुनाव में कांग्रेस के कुछ नेताओं का जिस तरीके का रोल होना चाहिए था, वह नजर नहीं आया। सैलजा ने भी इसे लेकर दिवाली के बाद पार्टी आलाकमान को रिपोर्ट देने की बात कही थी।

तीसरे नंबर पर रहने से प्रदेश इंचार्ज भी हैरान
कांग्रेस के हरियाणा मामलों के प्रभारी विवेक बंसल ऐलनाबाद उपचुनाव में पार्टी की करारी हार पर हैरानी जता चुके हैं। वह कह चुके हैं कि पार्टी यहां तीसरे नंबर पर रहेगी, इसकी उम्मीद नहीं थी। इस हार के कारणों का अवलोकन होगा। बंसल बतौर कैंडिडेट पवन बेनीवाल पर भी सवाल उठा चुके हैं। उनके अनुसार, प्रत्याशी को जिस दमदार तरीके से उपचुनाव लड़ना चाहिए था, वैसा ऐलनाबाद में नजर नहीं आया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि टिकट देते समय प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेताओं की सहमति ली गई थी और यह कांग्रेस की परंपरागत सीट नहीं थी।

चाचा खुलकर नहीं आए साथ
कांग्रेस ने कुछ दिन पहले ही भाजपा छोड़कर पार्टी जॉइन करने वाले पवन बेनीवाल को ऐलनाबाद उपचुनाव में टिकट दिया जबकि 2019 के विधानसभा चुनाव में यहां पवन बेनीवाल के चाचा भरत सिंह बेनीवाल कांग्रेस प्रत्याशी थे। सैलजा द्वारा पवन बेनीवाल को टिकट दिलाए जाने से भरत सिंह बेनीवाल नाराज हो गए और खुलकर प्रचार में नहीं उतरे। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा भी महज एक-एक दिन के लिए पवन बेनीवाल का प्रचार करने आए। सैलजा ने पूरे उपचुनाव में डेरा जमाए रखा मगर वह पार्टी के अन्य धड़ों के साथ तारतम्य नहीं बना पाई। ऐसे में अब आने वाले दिनों में पार्टी के अंदर आरोप-प्रत्यारोप का दौर और तेज हो सकता है।

जींद उपचुनाव के बाद भी लगे थे आरोप
इससे पहले जींद विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला की हार के बाद भी कांग्रेस में इसी प्रकार की जंग छिड़ी थी। तब सुरजेवाला ने भी अपनी हार के लिए पार्टी के ही वरिष्ठ नेताओं पर निशाना साधा था।