India News Haryana (इंडिया न्यूज), Vinod Bharada Murder Case CCTV Footage : कहते है अपराधी कितना ही शातिर क्यों ना, कोई न कोई सबूत तो छोड़ ही देता है। हालांकि विनोद भराड़ा हत्याकांड के असली मुज़रिम आज पुलिस गिरफ्त में हैं और अब एक के बाद कड़ियां जुड़ती जा रही हैं। हत्याकांड के दौरान का सीसीटीवी फुटेज गुनाहगारों के गुनाहों का एक पुख्ता सबूत है, जिस पर उस वक्त ही गंभीरता से गौर की जाती तो असली आरोपी कब के पुलिस गिरफ्त में होते।
पानीपत के व्यावसायिक व हारट्रोन सेंटर के संचालक विनोद हत्याकांड के दौरान के सीसीटीवी फुटेज सामने आई है। सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि विनोद को गोली मारने वाला हत्यारा देव सुनार आराम से घर के अंदर प्रवेश करता है। घर के अंदर आते ही वह रसोई में खड़ी विनोद की पत्नी व हत्या की मास्टरमाइंड निधि को नमस्ते करता है। नमस्ते करने के बाद दो-तीन कदम चलने के बाद वह हाथ से इशारा भी करता है जैसे बोल रहा हो कि सब कुछ ओके है।
इसके बाद वह निधि की तरफ थोड़ा झुकने के बाद विनोद के कमरे का दरवाजा खोलकर अंदर चला जाता है। वही निधि भी रसोई से बाहर निकल कर अंदर झांक कर दरवाजा खोलने का नाटक कर बाहर की ओर दौड़ने लगती है। वह बाहर जाकर चिल्लाती है तो इसके बाद घर के पड़ोसी अंदर आते है। सीसीटीवी में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि पड़ोस से भाग कर आने वाले लोग विनोद के कमरे का दरवाजा खोलने का प्रयास करते है, लेकिन दरवाजा नहीं खुलता। इसके बाद वह किसी स्टूल से दरवाजा तोड़ने का प्रयास भी करते है।
कहते हैं कि कोई भी कितना बड़ा अपराधी हो लेकिन कोई न कोई सुराग छोड़ जाता है या कहीं गलती कर बैठता है। विनोद हत्याकांड में भी सीसीटीवी फुटेज व बाद में दिए ब्यान ने सारे राज खोल दिए। दरअसल इस मामले में अदालत में निधि ने कहा था कि वह देव सुनार को नहीं जानती और यह हत्या में शामिल नहीं था जबकि सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि हत्यारा देव गोली मारने से पहले निधि को दोनों हाथ जोड़कर नमस्ते करता है और उसके बाद एक हाथ से इशारा भी करता है। ऐसे में निधि का यह कहना कि वह देव को नहीं जानती यहीं से वह पकड़ में आने लगी।
कारोबारी व कंप्यूटर सेंटर के संचालक विनोद भराड़ा हत्याकांड की जांच में लगे अधिकारियों ने देव को गिरफ्तार किया था हालांकि मौके पर ही लोगों ने उसे पड़कर पुलिस के हवाले किया था, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब हत्या के दौरान ही पुलिस ने सीसीटीवी बरामद कर लिए थे तो फिर जांच अधिकारियों ने इस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कार्रवाई क्यों नहीं की। यदि की थी तो फिर सीसीटीवी फुटेज से साबित हो रही घटना के आधार पर देव और निधि की मिलीभगत होने पर काम क्यों नहीं किया।
इतना ही नहीं हत्यारा विनोद के पिताजी के घर जाने के 2 मिनट बाद ही घर के अंदर आ जाता है। माना जा रहा है कि निधि ने ही फोन करके देव को आने का संकेत दिया। जांच अधिकारियों द्वारा देव, निधि व सुमित के फोन की कॉल डिटेल के आधार पर भी हत्याकांड में इनसे पूछताछ कर गिरफ्तार किया जा सकता था। माना जा रहा है कि उस समय जांच अधिकारियों से यह चूक हुई होगी। वहीं पानीपत के पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने इस पर भी जांच बैठा दी है कि उस समय इस प्रकार की जांच पड़ताल क्यों नहीं की गई।
वहीं यह भी सामने आ रहा है कि विनोद की हत्या के बाद कंप्यूटर सेंटर को निधि व उसका भाई वैभव संभाल रहे थे विनोद की हत्या के कुछ महीने बाद जब देव का मामला निपट गया तो सुमित ने वैभव को कंप्यूटर सेंटर से दूर रहने के लिए कहा था। आस्ट्रेलिया में रह रहे विनाेद के भाई प्रमोद ने बताया कि उस समय भी निधि के भाई को लगने लगा था कि अब सुमित उसके साथ भी कुछ अनहोनी कर सकता है। इसके बाद ही वैभव ने भी विनोद के भाई प्रमोद को सुमित और निधि के संबंधों के बारे में बताया।
विनोद की हत्या में शामिल देव सुनार, पत्नी निधि व प्रेमी सुमित को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, वहीं पुलिस अब नए सिरे से इस मामले की जांच कर रही है। पुलिस द्वारा दोबारा से अदालत में चार्जशीट पेश की जाएगी। विनोद के द्वारा कराए गए बीमा राशि, विनोद द्वारा कमाई गई प्रॉपर्टी व कंप्यूटर सेंटर से प्राप्त की गई आमदनी आदि का डाटा पुलिस एकत्रित कर रही है।
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