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Rambilas Sharma’s Ordeal During Emergency : आपातकाल की कहानी पूर्व मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा की जुबानी

• LAST UPDATED : June 24, 2024
  • इमरजेंसी में लोकतंत्र की रक्षा करने वालों में अहीरवाल के चुनिंदा नेताओं में शामिल थे पूर्व मंत्री प्रो.रामबिलास शर्मा
  • रौंगटे खड़े कर देने वाली उस काली रात की दास्ता

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Rambilas Sharma’s Ordeal During Emergency : तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी के विरोध में पूरे देश मे आंदोलन शुरू हुआ। हरियाणा भी इससे अछूता नहीं रहा, विशेषकर अहीरवाल से विरोध की आवाज बुलंद करने वालो में तत्कालीन युवा नेता प्रो.रामबिलास शर्मा प्रमुख रूप से थे। आज भी उस इमरजेंसी की काली रात को याद कर रामबिलास शर्मा के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। अहीरवाल के बहुत से नेता जेल गए व पुलिस की बर्बरतापूर्ण यातनाओ को सहन किया व इसके विरोध में अपनी आवाज बुलंद की। जेल में पुलिस द्वारा अमानवीय यातनाओं को झेलने वालो में भाजपा के वरिष्ठ नेता रामबिलास शर्मा भी थे।

Rambilas Sharma’s Ordeal During Emergency : कहीं ना कहीं अज्ञात स्थानों पर नजरबंद कर दिया गया था

हालांकि आपातकाल की घोषणा तो 25 जून की मध्यरात्रि हुई थी, लेकिन अधिकांश विपक्षी विशेषकर संघ के बड़े नेताओं को तो दिन में ही गिरफ्तार कर कुछ को जेलों में तो कुछ को कहीं ना कहीं अज्ञात स्थानों पर नजरबंद कर दिया गया था।
उन जैसे युवा स्वयंसेवकों को संघ के अधिकारियों ने भूमिगत होकर नाम व वेश बदलकर आपातकाल के खिलाफ संघर्ष करने का निर्देश दिया था। उस समय आरएसएस के अधिकारियों ने दर्पण नामक पत्रिका जिसमें दिन-प्रतिदिन सरकार द्वारा नेताओं की गिरफ्तारी व आम लोगों पर हो रहे अत्याचार व दमनकारी घटनाओं की जानकारियां प्रकाशित की जाती थी को जींद, हिसार व सिरसा जिलों के विशेष लोगों तक पहुंचाने का जोखिम भरा काम इन्हें सौंपा गया।

जनता पार्टी नाम से एक नया राजनीतिक दल का गठन किया गया

आपातकाल में दमनकारी व निरंकुश सरकार के विरोध में जेल में बंद सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की आपसी सहमति से अपने – दलों का विलय करके एक राजनीतिक दल जनता पार्टी नाम से एक नया राजनीतिक दल का गठन किया गया, उल्लेखनीय है कि जनता पार्टी की यूथ विंग का पदाधिकारी भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के तत्कालीन नेता प्रो.रामबिलास शर्मा को ही बनाया गया था जिनका काम प्रदेश भर में घूमकर विशेषकर युवाओं को जागृत कर सरकार की दमनकारी नीतियों का डटकर विरोध करना था।

पहले अंबाला और बाद में बिहार की गया जेल में भेजा

जब पुलिस ने रामबिलास शर्मा को गिरफ्तार कर बर्बरता पूर्व दिल दहलाने वाली शारीरिक व मानसिक यातनाएं देकर पहले अंबाला और बाद में बिहार की गया जेल में भेजा। आपातकाल के खिलाफ लोगों को जागृत करने व आम आदमी के दिलो-दिमाग में भय निकालने के निर्देशानुसार रामबिलास शर्मा ने अपने पांच साथियों के साथ सरकार विरोधी नारे प्रदेश भर में लगाने का कार्य किया। पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा तत्कालीन महेंद्रगढ़ जिले के वर्तमान में रेवाड़ी जिले के नाहड गांव में सरकार की दमनकारी नीतियों का विरोध करने पहुंचे थे कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

बूढ़े मां बाप उन्हें खोजने के लिए दर-दर भटकते रहे

पुलिस ने पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा को बर्बरता पूर्व दिल दहलाने वाली शारीरिक व मानसिक यातनाएं दी और उन्हें अंबाला जेल में डाल दिया गया बाद में अंबाला जेल से उन्हें बिहार के गया जेल में भेज दिया। उस समय दूरभाष व अन्य टेक्नोलॉजी का जमाना नहीं था रामबिलास शर्मा के बूढ़े मां बाप उन्हें खोजने के लिए दर-दर भटकते रहे, जेल में भी पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा को बहुत यातनाएं सहन करनी पड़ी रामबिलास शर्मा का कद काठी बहुत बड़ी थी लेकिन उन्हें एक छोटी सी कोठरी में बंद कर दिया और जेलर द्वारा उन्हें बार-बार यातनाएं दी गई 1 जनवरी 1977 को रामबिलास शर्मा को बिहार के गया जेल से रिहा कर दिया गया।

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