इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
Modi Cabinet तीनों कृषि कानूनों को रद करने की शुरू हो गई है। मोदी कैबिनेट की बैठक में कृषि कानूनों को निरस्त करने को मंजूरी मिल गई है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर देश को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की बात कही थी। ऐसे में अब जब संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने में पांच दिन ही शेष बचे हैं तो पीएम मोदी की अगुवाई में कैबिनेट की बैठक बुलाई गई और कृषि कानूनों को रद करने की कवायद शुरू कर दी गई है। आज केंद्रीय मंत्रिमंडल कृषि कानूनों को वापस लेने के विधेयक पर मोहर लगा सकता है।
तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान पिछले करीब सवा साल से देश के कई राज्यों के किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं दिल्ली की सीमाओं पर किसान करीब एक साल से आंदोलन कर रहे हैं। किसान सरकार पर तीनों कृषि कानून वापस लेने के लिए दबाव बनाते रहे हैं। ऐसे में अब जब पीएम मोदी ने कृषि कानून वापस लेने की घोषणा पर काम भी शुरू कर दिया है तो क्या अब किसानों और सरकार के बीच टकराव समाप्त हो पाएगा। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चे ने सरकार से मांग की है कि केंद्र एमएसपी पर भी बात करे।
केंद्र सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक लेकर आएगी। जोकि संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाएगा। यहां से पारित होने के बाद विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। यहां रामनाथ कोविंद इस पर हस्ताक्षर करके विधेयक मंजूर करेंगे। उसके बाद ही इसे गजट में प्रकाशित किया जाएगा।
किसानों की मांग है कि पूरे देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी सरकार जब तक नहीं देगी वह आंदोलन समाप्त करने वाले नहीं हैं। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी पहले ही एमएसपी पर भी समिति का गठित करने की बात कह चुके हैं। लेकिन किसानों का कहना है कि जब तक हमारी सभी मांगें पूरी नहीं होती तब तक हम घर वापस नहीं जाएंगे। अब ऐसे में देखना यह होगा कि आखिर किसान सरकार को और किस मांग को मनवाने के लिए आंदोलन जारी रखना चाहते हैं।
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