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Sawan Shivratri पर श्रद्धालु करेंगे भगवान शिव का अभिषेक

• LAST UPDATED : August 1, 2024
  • सावन शिवरात्रि पूजा मुहूर्त रात्रि 12 बजकर 06 मिनट से शुरू होगा और रात 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा

  • पूजा अर्चना को लेकर मंदिरों में तैयारियां पूरी

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Sawan Shivratri : सावन माह की शिवरात्रि शुक्रवार को है और शिवरात्रि का शिवभक्तों में विशेष महत्व है। शिवभक्त हरिद्वार कांवड़ लेने के लिए जाते हैं और वहां से गंगा जल लाकर सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करते हें। ऐसे में शुक्रवार को जिलेभर में मनाए जाने वाले सावन शिवरात्रि पर्व को श्रद्धा से मनाने के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।

इसके लिए मंदिर प्रबंधन कमेटियों द्वारा पुखता प्रबंध किए गए हैं और वालेंटियरों की ड्यूटियां लगा दी गई हैं। कांवड़िये जहां हरिद्वार से लाए गंगा जल से शिवालयों में भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करेंगे, वहीं श्रद्धालु भी जलाभिषेक कर सुखद भविष्य की कामना करेंगे। मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया गया है। श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इसके लिए वालंटियरों की ड्यूटी लगा दी गई है।

Sawan Shivratri : शिवरात्रि पर पूजा का यह रहेगा समय

जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन तीन अत्यंत शुभ भद्रवाय योग का निर्माण हो रहा है। वहीं 19 साल बाद शिवरात्रि पर आद्रा नक्षत्र भी बन रहा है। इस नक्षत्र के अधिपति देवता भगवान शिव के रूद्र रूप को माना जाता है।

सावन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत दो अगस्त को दोपहर तीन बजकर 26 मिनट पर हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 03 अगस्त को दोपहर तीन बजकर 50 मिनट पर होने जा रहा है। मासिक शिवरात्रि की पूजा निशा काल में करने का विधान है। ऐसे में मासिक शिवरात्रि का व्रत दो अगस्त वीरवार के दिन किया जाएगा। सावन शिवरात्रि पूजा मुहूर्त रात्रि 12 बजकर 06 मिनट से शुरू होगा और रात 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।

ऐसे करें पूजा

सावन शिवरात्रि के दिन सुबह उठकर स्नान करें और सूर्यदेव को जल अर्पित करें। इसके बाद दही, दूध, घी, शहद और गंगाजल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, पान, सुपारी और अक्षत आदि चढ़ाएं। शिवलिंग के समक्ष घी का दीपक जलाएं और महादेव की आरती व मंत्रों का जाप करें। शिव जी को फल और मिठाई आदि का भोग लगाएं। लोगों को प्रसाद बांटे और गरीबों में अपनी क्षमतानुसार दान करें।

दिनभर डाक कांवड़ गुजरने का सिलसिला जारी, बजते रहे डीजे

बुधवार को दिनभर शहर से डाक कांवड़ गुजरने का दौर जारी रहा। डाक कांवड़ लाने वाले श्रद्धालुओं को रास्ता उपलब्ध करवाने के लिए पुलिसकर्मियों की जगह-जगह तैनाती की गई। इसके अलावा शहर में जगह-जगह कांवड़ियों के ठहरने का प्रबंध किया गया। कांवड़ियों की सेवा में दिनभर श्रद्धालु लगे रहे। तेज आवाज में कांवड़ियों के डीजे पर बज रहे भक्ति गीतों ने शहर में भक्तिमय माहौल बना दिया।

जयंती देवी मंदिर में लगातार महारूद्राभिषेक कार्यक्रम आयोजित

जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि महाभारतकालीन जयंती देवी मंदिर में महारूद्राभिषेक कार्यक्रम लगातार आयोजित किया जा रहा है। इसके साथ ही भोले का व्रत रखने वाले भक्तों के लिए खीर और पकौड़े का प्रसाद वितरित किया जाएगा। वीरवार को मंदिर में चार प्रहर की पूजा का आयोजन किया जाएगा।

जलाभिषेक को लेकर वालेंटियरों की ड्यूटी लगाई : नवीन

जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोमनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत करने से मुश्किल कार्य आसान हो जाते हैं और व्रती की सारी समस्याएं दूर होती हैं। सवान माह में शिवरात्रि का विशेष महत्व माना गया है।

शिव की पूजा करने से बाधाएं समाप्त होती है और जीवन में सुख, समृद्धि आती है। मान्यता है कि चातुर्मास में भगवान शिव पृथ्वी का भ्रमण करते हैं और अपने भक्तों की खबर लेते हैं। उनके कष्टों को दूर करते हैं और अपना आर्शीवाद प्रदान करते हैं। जलाभिषेक को लेकर मंदिर परिसर में विशेष प्रबंध किए गए हैं। वालंटियरों की ड्यूटी लगा दी गई है जो श्रद्धालुओं को लाइन में लगकर ही जलाभिषेक करना होगा।

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