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Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan राज्यसभा में विपक्ष पर जमकर बरसे

• LAST UPDATED : August 2, 2024
  • कांग्रेस के डीएनए में किसान विरोध
  • नेहरू जी के समय लाल गेहूं खाने को विवश होना पड़ता था
  • कांग्रेस को अधर्म के प्रतीक शकुनी, चौसर और चक्रव्यूह ही याद आते है
  • NDA की सरकार, खेती को रोडमैप बनाकर काम कर रही है
  • मोदी जी किसानों को 2366 रुपए का यूरिया 266 रु. में और 2433 रुपए का डीएपी 1350 रुपए में दे रहे

India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan : केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राज्यसभा में कृषि पर हुई चर्चा के बाद शुक्रवार को सदन में अपना वक्तव्य दिया। इस दौरान कृषि मंत्री, कांग्रेस पर जमकर बरसे। उन्होंने तत्कालीन यूपीए सरकार की नाकामियों को गिनाते हुए कहा कि कांग्रेस ने किसानों के साथ हमेशा से ही छल, फरेब और ठगी की है।

उन्होंने कहा कि जब हम महाभारत काल में जाते हैं तो हमें भगवान श्रीकृष्ण नजर आते हैं, जबकि विपक्ष को छल-कपट और अधर्म के प्रतीक शकुनि और चौसर का ही ध्यान आता है। चौहान ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में देश में कृषि के क्षेत्र में निरंतर काम किया जा रहा है। खेती को लाभ का धंधा बनाना है और किसान कल्याण हमारी पहली प्राथमिकता है।

कांग्रेस के DNA में ही किसान विरोध

केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तत्कालीन यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अनीति और अधर्म किसने किया..? किसने किसानों के साथ ठगी की…? कांग्रेस के डीएनए में ही किसान विरोध है, ये आज से नहीं, बल्कि प्रारंभ से ही है, कांग्रेस की प्राथमिकताएं ही गलत रही है। चौहान ने कहा कि, हमारे पहले प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू रूस गए और वहां से एक मॉडल देखकर आए। उसके बाद कहा कि रूस का मॉडल लागू करो।

उस वक्त भारत रत्न चौधरी चरण सिंह  ने कहा कि ये नहीं हो सकता, भारत की कृषि की परिस्थितियां बिल्कुल अलग हैं। कांग्रेस की प्राथमिकताएं ही गलत थीं। 17 साल तक नेहरू जी ने प्रधानमंत्री के पद को सुशोभित किया, लेकिन उस समय क्या हुआ था, अमेरिका से लाया हुआ सड़ा हुआ लाल गेहूं भारत को खाने पर विवश और मजबूर होना पड़ा था। स्वर्गीय इंदिरा जी के समय किसानों से लेवी के रूप में जबरन वसूली का काम किया जाता था। अगर दो क्विंटल भी है तो एक क्विंटल लेकर जाओ। रखा हुआ अनाज उठा लिया जाता था।

Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan : हमारे शब्दकोश में असंभव शब्द ही नहीं

केन्द्रीय मंत्री चौहान ने मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि जब मध्यप्रदेश में रिवर लिंकिंग, नर्मदा जी को क्षिप्रा जी से जोड़ने की बात आई तो पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा था कि ये असंभव है लेकिन हमारे शब्दकोश में असंभव शब्द ही नहीं है। हमने तय किया कि नर्मदा जी का पानी क्षिप्रा जी में ले जाएंगे और ले जाकर दिखा दिया। नर्मदा-क्षिप्रा, नर्मदा जी गंभीर, नर्मदा जी पार्वती, नर्मदा जी काली सिन्ध, सभी को जोड़ने का काम हुआ और अब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन-बेतवा को जोड़ने के प्रोजेक्ट को भी स्वीकृति दे दी गई है। 20 लाख एकड़ जमीन में सिंचाई हो रही है। सिंचाई हमारी पहली प्राथमिकता है।

कांग्रेस सरकार में फसल बीमा के क्लेम नहीं मिलते थे

केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने फसल बीमा योजना पर कभी ध्यान नहीं दिया। इनके समय ऐसी फसल बीमा योजना थी कि किसानों को पूरी तहसील की फसल खराब होने के लिए प्रार्थना करना पड़ता था। उन्होंने कहा कि मैं जब सांसद था तो किसान की खराब फसल लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री जी के पास इस उम्मीद से जाते थे कि कुछ राहत मिलेगी लेकिन निराशा ही हाथ लगती थी। उस समय एक गाँव की फसल खराब होती थी तो क्लेम नहीं मिलता था, 10 गाँव की खराब होती थी तो भी क्लेम नहीं मिलता था, अगर पूरे एक गाँव की भी फसल खराब हो जाए तो भी क्लेम नहीं मिलता था।

तत्कालीन सरकार में जब पूरे तहसील की फसल खराब होती थी, तब जाकर क्लेम मिलता था और इसलिए किसान भगवान से प्रार्थना करते थे कि पूरे तहसील की फसल खराब हो जाए। मोदी जी के आने के बाद प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बनी और मुझे कहते हुए प्रसन्नता है कि फसल बीमा योजना ने पूरे परिदृश्य को बदलकर रख दिया है। तुलना करके देख लीजिए कांग्रेस की सरकार में ऋण के आवेदन केवल 3 करोड़ 51 लाख थे और 2023-24 में 8 करोड़ 69 लाख आवेदन आए हैं। वहीं, कांग्रेस के समय पर केवल 20 लाख अऋणि किसान बीमा करवाते थे और अब 5 करोड़ 48 लाख आए हैं।

दलहन-तिलहन के क्षेत्र में लगातार उत्पादन बढ़ रहा

केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि सिंचाई के अच्छे प्रयत्नों के कारण हमने उत्तम बीज बनाए हैं और अभी भी 109 नई बीज की क्वालिटी सरकार जारी करने वाली है, अच्छी उपज बढ़ाना है तो अच्छे बीज चाहिए, जलवायु अनुकूल बीज चाहिए, बेहतर सिंचाई चाहिए, अच्छा आदान चाहिए और ये सब पिछले 10 साल में मोदी जी के नेतृत्व में हो रहा है।

वर्ष 2023-24 में खाद्यान का उत्पादन 329 मिलियन टन तक पहुंच गया है और इस समय अगर हम बागवानी देखें तो 2023-24 में बागवानी का उत्पादन 352 मिलियन टन तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि हम यहां रुकेंगे नहीं, आगे बढ़ेंगे। दलहन और तिलहन की बात करें तो यूपीए सरकार में दलहन और तिलहन का उत्पादन प्राथमिकता नहीं थी, दलहन-तिलहन लगातार घट रहा था, लेकिन मुझे कहते हुए गर्व है कि, आज दलहन और तिलहन के क्षेत्र में भी तेजी से काम हो रहा है और उत्पादन लगातार बढ़ रहा है।

2366 का यूरिया किसानों को 266 रूपए में देती है सरकार

केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि विपक्ष के नेता कह रहे थे कि यूरिया के एक बैग पर मात्रा कम हो गई है। यूरिया के एक बैग पर 45 किलोग्राम का 50 से 45 हुआ है, लेकिन लागत भी कम कर दी है। अब 45 किलोग्राम पर सरकार सब्सिडी देती है 2 हजार 100 रुपए, किसानों के लिए केवल 266 रुपए में मिलता है। सरकार 2366 रुपए का यूरिया किसान को 266 रुपए में देती है। ये मोदी जी की सरकार है, भारतीय जनता पार्टी की सरकार है।

डीएपी का एक बैग 50 किलोग्राम का सरकार सब्सिडी देती है 1 हजार 83 रुपए, कुल कीमत पड़ती है 2433 रुपए लेकिन किसान को पड़ता है 1350 में, हमने इस कीमत को कभी बढ़ने नहीं दिया। सस्ता खाद मिले किसान फायदे की खेती कर पाए इसके लिए एक नहीं, अनेकों कदम उठाए गए हैं। मैं, देश के करोड़ों किसान भाइयों और बहनों को आश्वस्त करना चाहता हूँ, ये सस्ता खाद मोदी जी, भारतीय जनता पार्टी की सरकार देती रहेगी।

भारत का बासमती राइस कनाडा, अमेरिका में धूम मचा रहा

केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में शरबती गेहूं पैदा होता है, उसका दाम 4-5 हजार रुपए प्रति क्विंटल है। हरियाणा, पंजाब और मध्यप्रदेश में बासमती राइस होता है। उन्होंने कहा कि मुझे कहते हुए गर्व है कि, आज कनाडा और अमेरिका में भी भारत का बासमती राइस धूम मचा रहा है। 46 हजार करोड़ रुपए का बासमती राइस हमने एक्सपोर्ट किया है। जब बाजार में किसान को फसलों के अच्छे दाम मिलेंगे, तो एमएसपी पर वह अपनी फसल क्यों बेचने आएगा।

वहीं चौहान ने कहा कि कृषि को लेकर हमारी सरकार की 6 प्राथमिकताएं हैं, जिनमें पहला उत्पादन बढ़ाना, दूसरा उत्पादन की लागत घटाना, तीसरा उत्पादन के ठीक दाम देना, चौथा प्राकृतिक आपदा में किसानों को ठीक राहत राशि देना, पांचवां कृषि का विविधीकरण और छटवां प्राकृतिक खेती। खेती में वैल्यू एडिशन और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी धरती सुरक्षित रहे, इसलिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। ये भारतीय जनता पार्टी की सरकार, एनडीए की सरकार खेती का रोडमैप बनाकर काम कर रही है।

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