कंपनियां सीधे किसानों के खेतों से खरीदेंगी सब्जियां व अन्य उत्पाद
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़।
MoU With 29 Companies Of 20 FPOs हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत करने और उन्हें व्यापार एवं बाजार के प्रति आकर्षित करने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि प्रदेश में हर हाथ को काम मिल सके और उनकी आमदनी दोगुनी हो सके। मुख्यमंत्री यहां कृषि क्षेत्र निवेशकों एवं किसान उत्पादक संगठनों के बीच समझौता हस्ताक्षर समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए यह आयोजित सुनहरा कार्यक्रम है, जिसमें किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के माध्यम से सीधे लाभ देने के लिए 29 समझौते किए गए हैं। इनमें चौ. चरण सिहं कृषि विश्वविद्यालय हिसार से जुड़ा हुआ एमओयू भी शामिल है, जिसके तहत कृषि विद्यार्थी इन्टर्नशिप भी कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे कदम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने में कारगर भूमिका निभाएंगे।
मुख्यमंत्री ने फूड प्रोसेसिंग में आगे आने वाली कम्पनियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब खरीदारों को भी लाभ मिलेगा और बाजार में कीमतें भी कम होगी। उन्होंने कृषि क्षेत्र के निवेशकों एवं एफपीओ से आग्रह किया कि वे मुख्यमंत्री अंत्योदय उत्थान योजना के तहत रोजगार देने में प्रदेश में एक लाख से कम आय वाले परिवारों को प्राथमिकता दें। ऐसा करने से उन्हें आत्मसंतुष्ठि के साथ-साथ पुण्य का फल भी मिलेगा। इसके अलावा उन्होंने प्रदेश के 500 प्रगतिशील किसानों से छोटे किसानों को फसल विविधिकरण का प्रशिक्षण देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा एफपीओ के गठन में अग्रणी राज्य के रूप में उभर रहा है। ये कृषि को उपयोगी बनाने के लिए भी कार्य कर रहे हैं। इससे आर्थिक तौर पर मूल्यांकन होगा और छोटे किसानों को भरपूर लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि एफपीओ किसानों के उत्पादन, बिक्री, गुणवता, पैकिंग, प्रोसेसिंग आदि में सुधार करेंगे। एफपीओ का उदेश्य किसानों को एकत्रित करके, उनके उत्पादन का उनको अधिक से अधिक मूल्य प्रदान कराना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को मजबूत बनाने के उदेश्य से यह कंपनियां प्रदेश के एफपीओ को सीधे तौर पर बाजार से जोड़ेंगी। उन्हें अपने उत्पाद मंडी व अन्य स्थानों पर बेचने की आवश्यकता नहीं होगी। यह कंपनियां सीधे खेत से फल, सब्जियां व शहद की खरीद करेगी, ताकि किसान उत्पादक संगठनों को अधिक मजबूती प्रदान की जा सके, जिसके तहत एफपीओ को भी अपनी फसलों का उचित मूल्य मिल पाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एफपीओ का सीधे कंपनियों से संपर्क होने के कारण एफपीओ से फसल की गुणवत्ता बढ़ेगी एवं प्रसंसकरण और मूल्य सवर्धन से आय में बढ़ौतरी होगी और भविष्य में विपणन की योजनाओं पर बल दिया जाएगा। अक्सर किसानों को बाजार में उचित भाव व व्यवस्थित बाजारीकरण के अभाव से फसल को लंबे समय तक रखने से उसके नुकसान होने की संभावना ज्यादा रहती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के उत्पादन बढाने एवं बाजार उपलब्ध करवाने के लिए गन्नौर में बागवानी मंडी, पिंजौर में सेब मंडी, सोनीपत में मसाला मंडी तथा गुरूग्राम में फूल मंडी बनाई जा रही है। इसके अलावा एनसीआर क्षेत्र के किसानों को पेरी अर्बन खेती करने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है।
कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि एमओयू हस्ताक्षर होने से एफपीओ को कंपनियों से सीधे तौर पर जोड़ा गया है। एमओयू के तहत लगभग 60 हजार टन बागवानी फसलें खरीदी जाएंगी। ये एमओयू किसानों की प्रगति को नई दिशा की ओर ले जाएगें तथा ऐसी मार्कीटिंग से किसान खुशहाल और समृद्व होगें। उन्होंने कहा कि राज्य में 599 एफ.पी.ओ का गठन हो चुका है और इन किसान उत्पादक कंपनियों के साथ 77,985 से भी अधिक किसानों को जोड़ा जा चुका है। नई एफपीओ नीति के अंतर्गत वर्ष 2022 तक एफपीओ गठन के लक्ष्य को 1000 तक पहुंचाने के प्रयास किए जाएंगे। इन संगठनों से प्रदेश के 16 लाख किसानों को जोड़ा जाएगा।
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