35वें मुख्य सचिव के तौर पर नियुक्ति
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़।
Haryana’s Newly Appointed Chief Secretary हरियाणा के नवनियुक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बुधवार को 35वें मुख्य सचिव के तौर पर अपना पदभार ग्रहण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उनके लिए यह बहुत गौरव की बात है कि वे हरियाणा के मुख्य सचिव के पद पर आसीन हुए हैं। आमजन की समस्याओं का त्वरित निपटान करना उनकी प्राथमिकता रहेगी।
उल्लेखनीय है कि संजीव कौशल ने उपायुक्त से लेकर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव व वित्तायुक्त जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए अपनी कार्यशैली की अमिट छाप छोड़ी है। विचारों का पॉवरफुल-जनरेटर तथा कम्यूनिकेटर कहे जाने वाले हंसमुख व मृदु स्वभाव के अधिकारी कौशल की अपने कनिष्ठ व वरिष्ठ अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ एक टीम के रूप में काम करने की कला से सभी उनके कायल हैं। कौशल में प्रतिकूल परिस्थितियों में अपनी क्षमता से अनुकूल परिणाम देने का गजब का हूनर है। बड़ी परियोजनाओं के प्रबंधन का गुण तथा देश व प्रदेश में विकास के लिए उनकी राजनीतिक व ब्यूरोक्रेटिक तालमेल की क्षमता उनको आम अधिकारी से विशेष बनाती है।
संजीव कौशल ने अपने सेवाकाल के दौरान विभिन्न कोर्स व प्रशिक्षण प्राप्त किए, ताकि सरकारी कामकाज में सुविधा हो सके और जनता को उनकी सेवाओं का लाभ मिल सके। कौशल ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में नवोदित और मध्यम स्तर के आईएएस अधिकारियों को रिसोर्स फैक्ल्टी के तौर पर मागदर्शन किया। यही नहीं, उन्होंने भारत सरकार की ओर से आॅस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, चीन तथा बहरीन देश में जाने वाले औद्योगिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी किया है। कौशल का सेवाकाल के दौरान व्यापक व्यावसायिक अनुभव रहा है। उन्होंने भारत सरकार (संयुक्त सचिव के रूप में) के अलावा दो राज्य सरकारों, दो बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के उपकर्मों (प्रबंध निदेशक के रूप में), हरियाणा के सबसे बड़े नगर निगम फरीदाबाद (महापौर और आयुक्त की जिम्मेदारियों के साथ फरीदाबाद परिषद के मुख्य प्रशासक के रूप में) में काम करने का अनुभव रहा है। यही नहीं, उनके द्वारा वर्ष 1987-88 में मदुरै (तमिलनाडु) में सहायक कलेक्टर (प्रशिक्षण) तथा वर्ष 1988-90 के दौरान कोयंबटुर में सब-कलेक्टर के तौर पर दी गई सेवाओं के लिए एक बेहतरीन अधिकारी के तौर पर जाना जाता है।
संजीव कौशल ने वर्ष 1990-91 में हरियाणा में फरीदाबाद के अतिरिक्त उपायुक्त, वर्ष 1991-93 में फरीदाबाद परिसर प्रशासन के मुख्य प्रशासक तथा वर्ष 1993-94 में हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक के रूप में सेवाएं दीं। उन्होंने वर्ष 1994-96 तक यमुनानगर का उपायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट का दायित्व निभाया। इसके बाद, उन्होंने हरियाणा सरकार के सहकारिता, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, वन्य जीव संरक्षण एवं नियम विभाग में संयुक्त सचिव के तौर पर कार्य किया।
कौशल ने वर्ष 1999 से 2001 तक प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव और सूचना, जनसंपर्क एवं सांस्कृतिक मामले विभाग के निदेशक के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन किया। वे वर्ष 2001-03 तक हरियाणा के शहरी विकास विभाग के निदेशक, हरियाणा शहरी बुनियादी ढांचा विकास बोर्ड और हरियाणा स्लम क्लीयरेंस बोर्ड के मुख्य प्रशासक रहे।
वर्ष 2003-04 के दौरान केंद्र सरकार में तत्कालीन केंद्रीय विद्युत राज्य मंत्री के निजी सचिव तथा वर्ष 2004-07 तक भारत सरकार के लघु उद्योग विभाग में संयुक्त विकास आयुक्त एवं वर्ष 2007-08 में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में अतिरिक्त विकास आयुक्त व संयुक्त विकास आयुक्त के तौर पर कार्य किया। संजीव कौशल ने 12 जुलाई 2008 से 3 जनवरी 2012 तक हरियाणा विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (एचपीजीसीएल) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक तथा 3 जनवरी 2012 से 28 मई 2012 तक तकनीकी शिक्षा विभाग में वित्त आयुक्त एवं प्रधान सचिव, 28 मई 2012 से 12 जुलाई 2013 तक वित्त और योजना विभाग में वित्त आयुक्त और प्रमुख सचिव और 12 जुलाई 2013 से 30 अक्टूबर 2014 तक पीडब्ल्यू (बी. एंड आर) और वास्तुकला विभाग में प्रधान सचिव के रूप में कार्य किया। कौशल को 30 अक्टूबर 2014 को हरियाणा के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई। इन्होंने हरियाणा सरकार के वित्त एवं योजना विभाग, आबकारी एवं कराधान विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के तौर पर अतुलनीय सेवाएं दी हैं।
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