डॉ. राजेश वधवा, कुरुक्षेत्र :
International Gita Mahotsav 2021 : अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2021 में हरियाणा पवेलियन का अंदाज कुछ अलग होगा। इस पवेलियन को देसी खाणा-देसी बाणा थीम को जहन में रखकर तैयार किया जाएगा। इस पैवेलियन में हरियाणा की प्राचीन हस्तकला के साथ-साथ प्राचीन वस्तुओं को देखने का पर्यटकों को एक सुनहरी अवसर मिलेगा। इतना ही नहीं इस पैवेलियन को नए अंदाज में प्रस्तुत करने का अनोखा प्रयास भी किया जाएगा।
कला एवं संस्कृति विभाग की निदेशिका प्रतिमा चौधरी आईएएस ने बताया इस बार हरियाणा पवेलियन के द्वार से ही हरियाणा की धार्मिक संस्कृति के दर्शन हो जाएंगे। द्वार पर लोगों का स्वागत ना केवल घोड़ी नृत्य व बीन बाजा से किया जाएगा अपितु नशीली ताशा ढोल शहनाई भी उनके स्वागत में बजेगी।
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प्रतिमा चौधरी ने बताया कि वैसे तो सुबह से शाम तक पवेलियन में हरियाणवी रागनी हंसी ठठ्ठा हरियाणवी नृत्य लोक संगीत गूंगा धमोरा कार्यक्रम चलते रहेंगे लेकिन 9 से 14 के बीच एक दिन महाभारत पर आधारित कोई सांग कराने पर भी योजना बनाई जा रही है। इस बार हरियाणा पवेलियन में बहुत प्राचीन बड़ के पेड़ के चारों ओर हरियाणवी लोक संस्कृति की धमक नजर आएगी। बड़ की शाखाओं पर जहां एक और महिलाएं पींघ डालकर तीज मनाती हुई नजर आएंगी, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण महिलाएं सांझी व मांड मंडेले करती हुई दिखाई देंगी । बड़ को अलग तरह से सजाया गया है तथा गांव की दीवारों की तरह ही इस पर भी भित्ति चित्र बनाए गए है।
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भीम रसोई के बारे में जानकारी देते हुए प्रतिमा चौधरी ने बताया की इसके अंतर्गत हरियाणवी मिठाईयां जैसे खोए की बर्फी, मावे के पेड़े, गोहाना की जलेबी, लड्डू, मलाई केसर वाला सकोरे का दूध, कुल्हड़ की चाय उपलब्ध होगी वहीं दूसरी ओर नमकीन भी परोसी जाएगी। इसके लिए बागड़ी मिल्क पार्लर के कारिंदे बुलाये गए है।
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निदेशक ने बताया कि ऐसा नहीं है की बहुत सारे नए आईडिया समाहित करके पुरानी धरोहर से पवेलियन को अछूता रखा जाएगा ।बल्कि गांव की पुरानी वस्तुओं के अलावा हरियाणा का सबसे पुराना ट्रैक्टर भी हरियाणा पवेलियन में खड़ा दिखाई देगा । प्रतिमा चौधरी ने बताया कि प्रदेश के विख्यात कलाकार महावीर गुड्डू की देखरेख में ये सब कार्य किये जायेंगे।
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अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में जहां एक ओर इस क्राफ्ट और सरस मेले के भव्य आयोजन का आगाज हो चुका है, वहीं दूसरी ओर पंजाब और हरियाणा के शिल्पकारों ने अपनी शिल्पकला से भारतीय संस्कृति को उजागर करने का काम किया है। इस अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पंजाब और हरियाणा के शिल्पकारों ने क्राफ्ट और सरस मेले में अपनी शिल्पकला का जौहर दिखाकर पर्यटकों को अपनी शिल्पकला की ओर आकर्षित करने का काम किया है।
अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में प्यार कौर ने बताया कि वे पंजाब से बठिंडा से आई है और अपने साथ सर्दियों में ऊन से बना सामान लेकर आई है। उन्होंने अपना यह सामान स्टॉल नम्बर 716 पर लगाया है। उन्होंने कहा कि वे इस सामान को रंग-बिरंगी ऊन से करोसिया और सिलाई के साथ बनाती है और इस काम में उनका पूरा ग्रुप काम करता है।
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हाथ से बनी ऊन की महिलाओं की जर्सी, बच्चों की जुराबें इत्यादि पर्यटकों को बहुत पंसद आ रही है। उन्होंने बताया कि आज के इस आधुनिक समय में जहां लोग बाजार से रेडिमेंट कपडों की होड में लगे हुए है वहीं दूसरी ओर इन महिलाओं का गु्रप पंजाब और हरियाणा की संस्कृति को उजागर करने का काम कर रही है।
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उन्होंने कहा कि बीते हुए समय में पहले महिलाएं एक साथ बैठकर खाली समय में अपने हाथों से ही ऊन की पुरूषो और महिलाओं की सुंदर-सुंदर रंग बिरंगी जर्सी,स्वेटर और बच्चों की जुराबे बुन देती थी लेकिन अब यह शिल्पकला लुप्त हो चकी है,लेकिन पंजाब से आई प्यार कौर ने कहा कि उनका महिलाओं का यह ग्रुप इस पुरानी संस्कृति को उजागर करने का काम कर रही है और सुंदर-सुंदर रंग बिरंगी ऊन से बनी सर्दियों में बच्चों के पहनने के ऊनी वस्त्र महोत्सव में आने वाले पर्यटकों को बहुत लुभा रही है।
अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्मïसरोवर के पावन तट पर जहां एक ओर पर्यटक इस भव्य आयोजन का लुफ्त उठा रहे है, वहीं दूसरी ओर ब्रह्मïसरोवर के इस पावन तट पर दूसरे प्रदेशों से आए हुए शिल्पकारों की अदभुत शिल्पकला ने इस भव्य आयोजन की फिजा में रंग भरने का काम किया है। अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में दूर-दराज से आए हुए शिल्पकारों ने ब्रह्मïसरोवर के पावन तट पर लगने वाले अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव के क्राफ्ट और सरस मेले में अपने हाथों की कारागिरी से महोत्सव में आने वाले पर्यटकों को आत्मविभुर होने पर मजबूर कर दिया है।
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शिल्पकारों के हाथों से बनी सुंदर-सुंदर आकृतियों की शिल्पकला पर्यटकों के मन को बहुत ही लुभा रही है। ऐसे ही पलवल से आए कमलेश ने बताया कि वे पलवल के गांव उटावड से आए है और वे अपने साथ पहाडी मिट्टïी, चिकनी मिट्टïी से बनी हुई सुदंर-सुंदर आकृतियां लेकर आए है। उन्होंने बताया कि वे इस महोत्सव में पिछले कई वर्षों से आ रहे है। हाथ से बनी हुई मिट्टïी की सुंदर-सुंदर आकृतियां पर्यटकों के मन को बहुत लुभा रही है।
उन्होंने बताया कि वे अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में अपने साथ फलावर पोर्ट व भगवान की सुंदर-सुंदर प्रतिमा के साथ-साथ मिट्टïी से बनी हुई घर के सज्जा सजावट का सामान लेकर आए है। उन्होंने बताया कि वे इन प्रतिमाओं की आकृतियों को तीन तरह की मिट्टी जिसमें चिकनी, पहाडी और बाणी मिट्टïी से बनाते है।
इसके लिए वे इन तीन तरह की किस्मों की मिट्टïी को एक महीना पहले छानकर मिलाकर एक पॉलिथीन के नीचे दबा देते है ताकि यह तीन तरह की किस्मों की मिट्टïी अच्छी तरह से मिल जाए और इसके बाद वे इन मिट्टïी से चॉक पर सुंदर-सुंदर आकृतियों के प्रारूप तैयार करतेे है। उन्होंने बताया कि इस तरह की सुंदर-सुंदर आकृतियों को बनाने में काफी समय लग जाता है और उनके पास इस सामान की कीमत 150 रुपए से 2500 रुपए तक की है।
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अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्मïसरोवर पर भव्य क्राफ्ट और सरस मेले में शिल्पकारों की शिल्पकला को देखकर दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी आश्चर्य चकित हो गए है। इस क्राफ्ट और सरस मेले में शिल्पकारों की हाथ की शिल्पकला पर्यटकों को लुभाने का काम कर रही है और लोग उनकी हाथ की शिल्पकला के कायल हो चुके है। जिससे वे जमकर खरीददारी कर रहे है। इतना ही नहीं अपनी कला को दिखाने के लिए दूर-दराज से आने वालेे शिल्पकार इस महोत्सव की शोभा को बढ़ा रहे है।
अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में शिल्पकार साकील ने बताया कि वे गोवा के गांव पणजीम तालिग से आए है और वे अपने साथ इस महोत्सव में हाथ से बनी हुए हैंडलूम बैडशीट लेकर आए है। उन्होंने यह सामान स्टॉल नम्बर 736 पर लगाया हुआ है। उन्होंने बताया कि इस वे इस हैंडलूम बैड शीट को अपने अड्डे (दरी दराज व चादर बनाने वाला औजार) पर तैयार करते है और उस पर हाथ के साथ सुंदर-सुंदर कढाई का काम किया जाता है।
यह सभी हैंडलूम खादी व कोटन के कपडे से तैयार करते है और फिर उस पर हाथनुमा कारीगिरी से सुंदर-सुंदर आकृतियां बनाते है। यह हैंडलूम बैडशीट पर्यटकों को बहुत लुभा रही है और पर्यटक इसकी जमकर खरीददारी कर रहे है। उन्होंने बताया कि इस हैंडलूम बैडशीट को तैयार करने में 1 से 2 दिन का समय लगता है और इसमें 3 से 4 कारीगर काम करते है और इसकी कीमत 500 रुपए तक की है।
फोटो कैप्शन:फोटो नंबर 16
अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में लोगों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए पुलिस टीम महोत्सव में आए हुए लोगों को कोविड-19 के नियमों की गाईडलाईंस के प्रति जागरूक कर रही है। कोरोना महामारी का खतरा अभी टला नहीं है इसलिए महोत्सव में आने वाले पर्यटकों को पुलिस टीम द्वारा अपील की जा रही है कि महोत्सव में आने वाले सभी पर्यटक अपने मुहं पर मास्क लगाकर रखें और जितना हो सके सावधानी से चले और 2 गज की दूरी अवश्य रखें।
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पुलिस अधीक्षक डा. अंशु सिंगला ने कहा कि ब्रह्मïसरोवर के तट पर 2 दिंसबर से 19 दिसंबर तक चलने वाले अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में आने वाले पर्यटकों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पडेगा।उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में ब्रह्मïसरोवर के चारों तरफ चप्पे-चप्पे पर पुलिस ने नाके लगाए हुए है और ब्रह्मïसरोवर की भी भी चारों दिशाओं में पुलिस बल तैनात किया गया है जोकि लोगों की हर परेशानी को बडी सहजता से उनकी सहायता करने को तत्पर है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी अभी टली नहीं है इसका संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है इसलिए पुलिस विभाग की एक टीम को ब्रह्मïसरोवर पर तैयार किया गया है जोकि महोत्सव में आने वाले लोगों को कोरोना महामारी के संक्रमण से बचने के लिए कोविड-19 की गाईडलाईंस की पालना करवाने के लिए जागरूक कर रही है।
पुलिस प्रवक्ता नरेश कुमार सागवाल ने बताया कि पुलिस अधीक्षक डा. अंशु सिंगला के मार्गदर्शन में पुलिस विभाग की तरफ से ब्रह्मïसरोवर के तट पर एक टीम गठित की गई है, जोकि ब्रह्मïसरोवर पर लगे अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में आने वाले सभी पर्यटकों को कोविड-19 के नियमों की गाईडलाईंस के प्रति जागरूक करने का काम कर रही।
उन्होंनेे कहा कि इस भव्य महोत्सव में लगे क्राफ्ट और सरस मेले में आए हुए शिल्पकारों, दुकानदारों और पर्यटकों को कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाने के लिए मास्क लगाने की बार-बार अपील भी की जा रही है और महोत्सव में घूमने वाले लोगों को मास्क भी वितरित कर रहे है।
जिला रैड क्रॉस सोसाएटी की तरफ से अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्मïसरोवर के तट पर शिविर लगाकर महोत्सव में आने वाले पर्यटकों को रक्तदान के लिए जागरूक कर रहे है। रैड क्रॉॅस की तरफ से अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में बच्चों द्वारा ब्रह्मïसरोवर की चारों दिशाओं में घूम-घूम कर महोत्सव में आने वाले पर्यटकों और स्थानीय लोगों को भी रक्तदान करने के लि जागरूक कर रहे है।
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इतना ही नहीं अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में बच्चे अपने साहस और जज्बे के साथ घूम-घूम कर लोगों को कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाने के लिए लोगों को मास्क भी वितरित कर रहे है। रैड क्रॉस की तरफ से दीपेन्द्र, ईशा, आशा, पारूल, मनप्रीत व रोहित महोत्सव में आने वाले लोगों को रक्त की राह पर निकला पूरा देश, सारे जग में भेज दो भारत का संदेश, के माध्यम से रक्तदान के लिए जागरूक कर रहे है।
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इतना ही नहीं रैड क्रॉस की तरफ से यह बच्चों की टीम पूरे ब्रह्मïसरोवर के चारों दिशाओं में घूम-घूम कर प्रत्येक बिना मास्क वाले लोगों को मास्क वितरित करने के साथ-साथ शिल्पकारों व दुकानदारों सहित सभी लोगों को रक्तदान के लिए भी प्रेरित कर रही है।