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Air Pollution थमने के आसार नजर नहीं आ रहे

• LAST UPDATED : December 8, 2021

निर्मल रानी, दिल्ली।
Air Pollution भारत में अब पॉल्यूशन के अपने पांव पसार चुका है। निरंतर वायु प्रदूषण की चपेट में रहने वाले देशों की सूची में भारत अपना नाम शामिल करा चुका है। खास तौर पर दिल्ली व उसके आस पास का राष्ट्रीय राजधानी (NCR) क्षेत्र तो लगभग पूरा वर्ष और चौबीस घंटे घोर प्रदूषण की चपेट में रहने लगा है। बता दें कि दिल्ली में हवाई जहाज से बाहर निकलते ही ऐसा महसूस होने लगता है कि आप किसी जहरीली गैस चैम्बर में प्रवेश कर चुके हैं। गत तीन दशकों से हालांकि एनसीआर में फैले इस प्रदूषण के लिये आंख मूंदकर हरियाणा-पंजाब के किसानों को जिम्मेदार ठहरा दिया जाता था। बताया जाता था कि फसल काटने के बाद खेतों में बची पराली को जलाने से फैलने वाला धुआंयुक्त प्रदूषण दिल्ली को अपनी आगोश में लेता है।

वायु प्रदूषण बढ़ाने में पराली का इतना योगदान (Air Pollution)

केंद्र सरकार ने भी पूर्व में दावा किया था कि वायु प्रदूषण बढ़ाने में पराली का योगदान 25-30% है। परन्तु पिछले दिनों सर्वोच्च न्यायालय में इसी संबंध में चल रही एक सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार का ताजा दावा था कि प्रदूषण फैलाने में पराली का योगदान मात्र 10 प्रतिशत है। परन्तु साथ ही अपने लिखित हलफनामे में केंद्र ने यह दावा भी किया कि प्रदूषण में पराली का योगदान मात्र 4% ही है।

75 प्रतिशत वायु प्रदूषण के ये हैं 3 मुख्य कारण (Air Pollution)

देश की सर्वोच्च अदालत केंद्र के शपथ पत्र के अनुसार यह भी कह चुकी है कि 75 प्रतिशत वायु प्रदूषण उद्योग, धूल और परिवहन जैसे तीन मुख्य कारण हैं। जहां तक किसानों को प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराने का प्रश्न है तो इसे यूं भी समझा जा सकता है कि किसान अपनी फसल का बचा हुआ कचरा अर्थात पराली आदि तो वर्ष में एक ही दो बार जलाते हैं जबकि दिल्ली का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तो लगभग पूरे वर्ष ही प्रदूषण की गिरफ़्त में रहता है।

विपरीत हो चुकी है एनसीआर की स्थिति (Air Pollution)

दिल्ली, फरीदाबाद, गुड़गांव, नोएडा, गाजियाबाद, सोनीपत आदि राजधानी के किसी भी निकटवर्ती क्षेत्र में चले जाइये, हर जगह वही गैस चैंबर जैसे हालात नजर आते हैं। आम लोग जहां अपने मकानों के दरवाजे व खिड़कियां इसलिए खोलते हैं, ताकि ताजी व स्वच्छ हवा का घरों में प्रवेश हो सके, वहीं एनसीआर की स्थिति ठीक इसके विपरीत हो चुकी है। घरों के दरवाजे व खिड़कियां खुलते ही जहरीली, रसायन युक्त प्रदूषित हवा इन घरों में प्रवेश कर जाती है।

आखिर कौन हैं प्रदूषण फैलाने के असली जिम्मेदार (Air Pollution)

प्रतिदिन दिल्ली व हिंडन एयरबेस से चढ़ने व उतरने वाले हजारों विमानों द्वारा दिन रात छोड़े जाने वाले जहरीले गैसयुक्त प्रदूषण की कोई चर्चा नहीं होती। अति विशिष्ट तथा विशिष्ट व्यक्तियों के काफिले में आगे पीछे दौड़ने वाले वाहनों के प्रदूषण फैलाने का जिक्र कहीं नहीं सुनाई देता। चार्टर्ड विमानों से प्रदूषण नहीं, बल्कि शायद सुगन्धित स्वच्छ आॅक्सीजन का स्प्रे होता होगा तभी इसके प्रदूषण की चर्चा कभी नहीं सुनी गई। प्रतिदिन लाखों नए वाहन सड़कों पर निकलकर प्रदूषण नहीं फैलाते, बल्कि किसानों के दस वर्ष पुराने गिनती के ट्रैक्टर प्रदूषण फैलाने के असली जिम्मेदार हैं।

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